PM Modi In Dubai: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबई प्रदर्शनी केंद्र पहुंचे, जहां COP28 आयोजित किया जा रहा है। पीएम मोदी के दुबई पहुंचते ही शानदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की इस दौरान भारत माता की जय के साथ ही अबकी बार मोदी सरकार के नारे भी लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात के अखबार अल-इत्तिहाद के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “यह पहचानना आवश्यक है कि विकासशील देशों ने समस्या के निर्माण में योगदान नहीं दिया है। फिर भी विकासशील देश इसके समाधान के लिए इसका हिस्सा बनने के इच्छुक हैं। वे आवश्यक वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी तक पहुंच के बिना योगदान नहीं कर सकते।”
पीएम मोदी: भारत और संयुक्त अरब अमीरात हरित और समृद्ध को आकार देने में भागीदार
PM Modi In Dubai: उन्होंने आगे कहा कि “भारत आशावादी है कि संयुक्त अरब अमीरात द्वारा आयोजित COP28 प्रभावी जलवायु कार्रवाई में नई गति लाएगा। भारत और संयुक्त अरब अमीरात हरित और समृद्ध को आकार देने में भागीदार हैं। हम जलवायु कार्रवाई पर प्रभावित वैश्विक चर्चा के लिए संयुक्त प्रयासों में अडिग हैं।”
#WATCH यूएई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुबई प्रदर्शनी केंद्र पहुंचे, जहां COP28 आयोजित किया जा रहा है। pic.twitter.com/gg5xC5lfEw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2023
PM Modi In Dubai: कॉर्बन उत्सर्जन को कम करना ही सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
इस सम्मेलन का उद्देश्य कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने और मौसम संबंधी घटनाओं से निपटने में विकासशील देशों का समर्थन करने पर केंद्रित है। इस सम्मेलन के आयोजित होने से पहले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की है। लेकिन, COP 28 के द्वारा किया गया पिछले हुए कई जलवायु सम्मेलन में किए गए वादे पूरे नहीें हो सके है। सारे जलवायु सम्मेलन अपने निर्धारित लक्ष्य से काफी दूर रह गए थे।
विकसित देश पर्यावरण को बचाने के लिए गए वादे को कर नहीं सके थे पूरा
आपको बता दें कि इसमें से सबसे अहम वादा अधूरा रह गया था। वो वादा ये था कि सभी विकसित देश पर्यावरण को बचाने के लिए सभी विकासशील देशों को $100 बिलियन डॉलर देने पर सहमति बनी थी जो कि अब तक पूरा नहीं हो सका है। विकसित देशों ने विकासशील देशों को देने के लिए सिर्फ 89.6 बिलियन डॉलर ही जुटाए हैं।
COP है क्या?
दुबई में होने जा रहा यह वैश्विक सम्मेलन COP का मतलब है कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज। ये उन देशों से संबंधित है, जिन्होंने साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके 198 देश सदस्य हैं जिनमें से 160 वैश्विक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। यह सीओपी की 28वीं बैठक है। इस वजह से इसे COP28 नाम दिया गया है।
ऐसी उम्मीद है कि इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के दीर्घकालिक लक्ष्य की योजना बनाई जाएगी। 2015 में पेरिस में हुए समझौते में लगभग 200 देशों के बीच इसे लेकर सहमति बनी थी। इसमें दुनियाभर के 70 हजार से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं।
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