Defence Deal News: ईएनएस विक्रांत पर तैनात होगा राफेल पाक-चीन सदमें में, राफेल M की हुंकार से दहल जाएगा दुश्मन

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Defence Deal News: लक्ष्य कठिन से कठिन क्यों ना हो, चुनौतियां बड़ी से बड़ी क्यों ना हो भारत जब ठान लेता है तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना असंभव नहीं होता हैं। आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता हैं।

एक तरफ आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया हैं।भारत द्वारा बनाया गया पहला स्वदेशी और सबसे बड़ा जहाज हैं जिसमें भारतीय नौसेना ने अपने एयरक्राफ्ट करियर INS विक्रांत के लिए मल्टीरोल कॉम्बैट फाइटर जेट चुन लिया हैं।वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना के सिख सैनिकों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया एक लड़ाकू हेलमेट हैं।

Defence Deal News: भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर 36 सो 40 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं। इस पर मिग-29 के फाइटर जेट, कामोव हेलिकॉप्टर, ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हैं। लेकिन इस पर एक घातक आधुनिक मल्टीरोल कॉम्बैक फाइट जेट तैनात करना था।

भारत ने 26 राफेल-एम खरीदने का फैसला किया हैं। डील पर हस्ताक्षर मार्च में तब होगा जब फ्रासीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो भारत दौरे पर आएंगे। राफेल ने हॉर्नेट को हराकर बाजी मार ली हैं।

Defence Deal News: राफेल मरीन की अधिकतम गति 2469.6 किलोमीटर प्रतिघंटा, राफेल की रेंज 3700 किलेमीटर से ज्यादा है, राफेल मरीन की सर्विस सीलिंग यानी आसमान में कितनी ऊंचाई पर प्लेन उड़ सकता है, वो 55 हजार फीट है, ऊंचाई पर जाने की दर के मामले में राफेल विजेता हैं, राफेल 304.8 मीटर प्रति सेकेंड की गति से आसमान की ओर जाता हैं।

वहीं, अगर बात करे लड़ाकू हेलमेट कि तो भारतीय सेना फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के माध्यम से आपातकालीन खरीद के तहत सिख सैनिकों के लिए अलग से 12,730 बैलिस्टिक हेलमेट खरीद रही है। सेना ने इसके लिए खरीदें रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन जारी किया है। सिख सैनिकों के लिए बैलिस्टिक हेलमेट दो साइज के खरीदे जाएंगे, जिसमें 8,911 लार्ज और 3,819 एक्स्ट्रा लार्ज होंगे।

दरअसल, अब तक सिख सैनिक युद्ध में आधुनिक हेडगियर और उपकरणों का उपयोग करने में असमर्थ थे, जो उन्हें चौतरफा सिर की सुरक्षा प्रदान कर सके। स्मार्ट डिजाइन और तकनीकों का उपयोग करके विकसित किये गए विशेष बैलिस्टिक हेलमेट को ड्यूटी के दौरान सिख सैनिकों के लिए डिजाइन किया गया हैं।

Defence Deal News: सिख सैनिक इसे पगड़ी के ऊपर पहन सकेंगे। हेलमेट के खोल में चौतरफा बैलिस्टिक सुरक्षा प्रदान की गई है। यह हेलमेट अतिरिक्त सामग्री के बावजूद लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए वजन में काफी हल्का है।

बैलिस्टिक हेलमेट में प्रशिक्षण और संचालन के दौरान सैनिकों को हाई-स्पीड राइफल की गोलियों से बचाने की क्षमता होगी। हेलमेट तीन आकारों में आते हैं, जो 5 मीटर या उससे अधिक की दूरी से दागी गई गोलियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इन बैलिस्टिक हेलमेट का तकनीकी जीवन आठ साल होने की उम्मीद है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।