Uttarakhand News: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद अब हल्द्वानी में बुलडोजर पर लगा ब्रेक… हजारों लोगों को मिली राहत

Uttarakhand News

Uttarakhand News: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के प्रस्तावित अभियान पर अंतरिम रोक लगा दी। इसका सबसे बड़ा आधार शायद यह रहा कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक सप्ताह के नोटिस पर ही अतिक्रमण वाली जगह पर रह रहे थे, उन्हें वहां से हटने के लिए कुछ समय मिलना ही चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मानवीय मुद्दा हैं। 50 हजार लोगों को रातों-रात नहीं हटाया जा सकता हैं।पहले उनके पुनर्वास पर विचार होना ही चाहिए। कोर्ट ने बेदखली और डिमोलीशन के खतरे का सामना कर रहे लोगों पर नोटिस भी जारी किया और उत्तराखंड सरकार व रेलवे को कोई हल निकालने के लिए समय दिया।

Uttarakhand News: कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसा नहीं है कि आप विकास के लिए इन्हें हटा रहै हैं। रेलवे और सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है कि अब इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी को होगी।

वहीं रेलवे भूमि के अतिक्रमण मामले पर उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर कहा कि कोर्ट के आदेश अनुसार ही सरकार काम करेगी। मामला रेलवे और कोर्ट के बीच था हम इसमें कहीं नहीं थे। कुछ लोगों ने विरोध की राजनीति के कारण अनावश्यक रूप से ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की कि सब सरकार कर रही है।

सुनवाई के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा उपनेता भवन कापड़ी, हल्द्वानी विधायक सुमित ह्वदेश सहित कई बड़े नेता मौजूद थे फैसले के बाद सुमित ने कहा यह मानवीयता की जीत हैं।

Uttarakhand News: एक तो उनकी संख्या अच्छी-खासी है और दूसरे उस जमीन पर स्कूल और अस्पताल भी हैं। यह अच्छा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मानवीय पक्ष पर ध्यान दिया, लेकिन देखना यह है कि वह व्यापक सुनवाई के बाद आखिर किस नतीजे पर पहुंचता है?

इसकी अनदेखी भी नहीं की जा सकती कि जैसे हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर वहां पक्के भवन बना लिए गए है, उसी तरह की स्थिति देश के अन्य हिस्सों में भी हैं।

दूसरी ओर राज्य की भाजपा सरकार पर यह भी आरोप लग रहा है कि रेलवे की जमीन पर कब्जा करके रहने वालों में ज्यादा मुसलमान हैं और इस इलाके से भाजपा लगातार विधानसभा चुनाव हारती ही है इसलिए सरकार उनको बेदखल करने में तेजी दिखा रही हैं।

Uttarakhand News: दरअसल हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जा करने का मामला 2007 में तब सुर्खियों में आया जब रेलवे लाइन के विस्तार की मांग उठी। बता दें कि साल 1880 में हल्द्वानी में रेलवे लाइन बिछाई गई थी लेकिन 2007 तक इसका विस्तार नहीं हुआ था और जब रेलवे ने विस्तार करना शुरू किया तो सबसे पहले हल्द्वानी स्टेशन के पास रेलवे की जमीन को खाली कराने की कवायद तेज हुई।

7 साल बाद 2014 में यह मुद्दा फिर उठा क्योंकि समाजवादी रविशंकर जोशी ने अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाई और अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर दी। वफिर दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिशा निर्देश दिए थे कि अगर रेलवे की भूमि में अतिक्रमण किया गया है तो पटरी के आसपास रहने वाले लोगों को नोटिस देकर हटाया जाए।

Written By— Nitisha Agarwal

ये भी पढ़ें…

मेयर चुनाव: दिल्ली में चुनाव से पहले हंगामा, मनोनीत सदस्यों की शपथ के खिलाफ AAP का विरोध
Terrorist Front Ban: लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिडेंस फ्रंट’ को गृह मंत्रालय ने किया बैन, खुंखार मोहम्मद अमीन आतंकी घोषित
By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।