India: केरल के त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने आदेश जारी किया है कि अब मंदिर परिसर में आरएसएस की शाखाएं और अन्य गतिविधियां नहीं चल सकेंगी। बोर्ड ने 1248 मंदिरों को यह नोटिस दिया है और कहा है कि मंदिरों में केवल धार्मिक अनुष्ठान और आयोजन ही कराए जायेंगे। यह भी कहा गया है कि इसका सख्ती से पालन न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने 2016 और 2021 में सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर के मुताबिक, मंदिर परिसरों में पूजा-अनुष्ठान के अलावा किसी भी तरह के राजनीतिक आयोजन पर रोक लगा दी थी। अब फिर से नए निर्देश 18 मई को इसलिए जारी किए गए। बोर्ड को पता चला था कि राज्य के कुछ मंदिरों में आदेश के बाद भी आरएसएस के कार्यक्रम हो रहे थे। अब आरएसएस की शाखा, हथियार प्रशिक्षण और अभ्यास पर रोक लगा दी गई है।
त्रावणकोर देवस्वम क्या है?
यह एक स्वतंत्र संस्था है। इसका गठन त्रावणकोर कोचीन हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशन एक्ट XV 1950 के तहत हुआ था। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष वरिष्ठ सीपीएम नेता के अनंतगोपन हैं।
यह बात केरल विधान सभा के कांग्रेस नेता वीडी सतीसन ने आगे कहा कि मंदिर के परिसर में सभी प्रकार की कवायद और प्रथाओं को रोका जाना चाहिए। मंदिर श्रद्धालुओं की आम संपत्ति है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केरल में लगभग 90 फीसदी हिंदू संघ परिवार के खिलाफ हैं।
आरएसएस लोगों में नफरत बढ़ा रहा है। वह लोगों के बीच बंटवारा पैदा कर रहे हैं। मंदिर परिसर इस तरह के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं होने चाहिए। यह बहुत पवित्र जगह होती है।
Written By: Swati Singh