Indo-US Relations: पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से मजबूत हुए रिश्ते , क्यों तिलमिलाया पाक और चीन

Indo-US Relations

Indo-US Relations: भारत और अमेरिका के रिश्ते इस बार के पीएम मोदी के दौरे से कितने मजबूत हो गए हैं।यह पूरी दुनिया जान चुकी है। दोनों देशों के बीच में राजनीतिक सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मजबूत हुए हैं। इसी कड़ी में अब भारत अमेरिका का युद्धपोत विमान चीन के लिए जान का दुश्मन बनने वाला है। दरअसल दोनों देशों ने जमीन से लेकर आसमान तक अपने रिश्ते मजबूत बनाने का वादा किया है। ऐसे में अब चीन भी दोनों देशों के बीच में हस्तक्षेप करने से पहले एक बार जरूर सोचेगा। अमेरिका ने एक बार फिर से यह जता दिया है कि भारत के साथ अमेरिका का कैसा संबंध है। साथ ही अमेरिका ने यह भी संदेश दिया है कि भारत और अमेरिका की संबंधों के बीच में अगर कोई आएगा तो उसकी खैर नहीं और यह संबंध अटूट है।

भारत अमेरिका पाकिस्तान से अधिक प्रगाढ़ हुआ

Indo-US Relations: अमेरिकी राजदूत एरिक गर्सेटि ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका जोर जबरदस्ती का विरोध करने असमान तथा समुद्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए हिंद प्रशांत क्षेत्रों में जहाजों सेनाओ को एक साथ तैनात करने के लिए काम कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का अनुसरण करते हैं। दोनों देशों की सोच विचारधारा सामान है और यह दोनों देश पूरे विश्व में शांति स्थापित करने की पक्ष में हमेशा खड़े रहते हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने बयान में यह कहा है कि दोनों देश सैन्य उपकरणों के उत्पादन में दोनों देश एक दूसरे का सहयोग करेंगे। उन्होंने विमान इंजनतोपखाने और जमीनी वाहनों क्षेत्र में आगे जो कामों की रूपरेखा की तैयारी को लेकर कुछ उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। मानव अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर गर्सेटि ने कहा कि अमेरिका और भारत की चर्चा भविष्य में जारी रहेगी। जैसा कि हमने हमेशा किया और आगे भी हम दुनियाभर के लोगों के साथ करेंगे। उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा। विविधता में एकता तक पहुंचने की हमारी क्षमता हमारी सभ्यता की सुंदरता और परीक्षा होगी।

हिंदी में बोले अमेरिकी राजदूत

Indo-US Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह अमेरिका का राजकीय दौरा किया था। प्रधानमंत्री का यह राजकीय द्वारा पूरे विश्व में चर्चा का विषय रहा हैं। गर्सेटि ने कहा की अमेरिका और भारत के पास एक उदाहरण है।एक दूसरे के बीच में हिंद प्रशांत क्षेत्र और उसके पास एक और समुद्री दुनिया बनाने की शक्ति है। शांति का एक प्रमुख हिस्सा सुरक्षा है। उन्होंने चीन और रूस को उल्लेख करते हुए कहा जैसा कि हमने दुर्भाग्य पूर्ण रूप से 3 वर्ष में यह देखा और बोले कि हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां देश संप्रभु की अनदेखी करते हैं। हिंसा करते हैं। विनाश का सहारा लेकर अपने सहयोगी देश को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं।

गर्सेटि ने कहा यह दुनिया नहीं है जिसे हम चाहते हैं। यह वह दुनिया है जिसकी हमें जरूरत है। राजदूतों ने एक दूसरे के संबंधों को स्थिरता बनाए रखने पर भी बात करी।राजदूत ने अपने बयान में कहा कि हमें सपने साकार करना चाहिए। हम क्षेत्रीय और वैश्विक चिंता को टालने के लिए स्थिरता की ताकत के रूप में एक दूसरे के साथ स्थिर हो सकते हैं।

हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ी मुश्किलें

Indo-US Relations: गर्सेटि ने कहा कि हम अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए विभिन्न क्षेत्र में वायु सेना की स्थापना करके अपनी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा सकते हैं। जो हमारे साथ अपने सहयोग बढ़ाने चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का राजकीय दौरा अमेरिका के लिए असल जश्न था।
गर्सेटि ने कहा कि भारत और अमेरिका की स्थिति बेहतर हैं। और वे दुनिया में शांति समृद्धि सामूहिक काम के लिए बेहतर प्रयास करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने अपने बयान को जारी रखते हुए आगे कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है। तो पूरी दुनिया का ध्यान उन्होंने आकर्षित किया। पीएम का कितना शक्तिशाली और प्रभावी विचार है। राष्ट्रपति जो बिडेन ने इसे महत्वपूर्ण रिश्ता माना है।

Written By: Juhi Pandit

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यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'