Madhya Pradesh: अनचाहे बाल बने ललित के लिए जी का जंजाल, कोई जामवंत तो कोई बुलाता है हनुमान

Madhya Pradesh

Madhya Pradesh: जिन लोगों के सिर पर बाल नहीं होते उनसे पूछो कि उनके दिल पर क्या गुजरती है? वो ही बता सकते है कि बालों का महत्व उनके लिए किसी भी अमूल्य वस्तु से कम नहीं होता। जिनके चेहरे पर मूछे और दाढ़ी नहीं होती उनके दिल से भी पूछो उन पर क्या गुजरती है?

आजकल तो कई सर्वें में ये आया है कि लड़किया उन लड़कों को पसंद करती है जिनके चेहरे पर मूछे और दाढी होती है। कहने का मतलब ये है कि मर्दों की पहचान उनकी दाढ़ी मूछों से ही होती है। अब बात करते है ऐसे व्यक्ति कि जिसके लिए बाल जी का जंजाल ही बन गए है। उसके दिल से भी कोई पूछे कि अनचाहे बाल उसके लिए कितनी बड़ी समस्या बन गए है।

Madhya Pradesh: ऐसा ही कुछ एमपी के रतलाम में रहने वाले युवक के साथ हुआ है। ललित पाटीदार केवल 17 साल के है और वो वेयरवोल्फ सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे है । इस बीमारी में चेहरे पर घने बाल उगने लगते है और उसकी वजह से कोई उसको जामवंत और तो कोई हनुमान बुला रहा हैं। कुछ तो लोग उसकी पूजा भी करने लगे है। कई लोगों का ये भी कहना है कि फिल्मों में इंसान भेड़िया बने तो ऐसा ही दिखता है। इस बीमारी का नाम भी भेड़िये से जुड़ा है।

रतलाम जिले के नांदलेट में रहने वाला 17 वर्षीय ललित पाटीदार जन्म से ही एक लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है, जिसके चलते उसके पूरे चेहरे पर घने बाल उग रहे हैं। ललित के साथ उसके परिवार वाले भी इस बीमारी को लेकर काफी परेशान हैं। मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात तक कई चिकित्सकों से परिवार वालों ने संपर्क भी  किया, मगर सभी ने एक ही बात कही कि बालिग होने के बाद प्लास्टिक सर्जरी और अन्य माध्यमों से चेहरे के बाल हटाने की कोशिश की जाएगी।

डॉक्टरों ने बीमारी को लेकर पहले ही की थी चिंता व्यक्त

Madhya Pradesh: ललित पाटीदार फिलहाल 12वीं का छात्र है। ललित के पिता लाल पाटीदार पेशे से किसान हैं और माता ग्रहणी हैं। पिता बनकट लाल बताते हैं कि “जब ललित का जन्म हुआ था, उस समय ही उसकी सूरत देखकर चिकित्सकों ने हार्मोन डिसबैलेंस की बात बताते हुए चिंता व्यक्ति की थी।

चिकित्सकों के मुताबिक ललित वेयरवोल्फ सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित है और साथ ही उन्होंने इस बीमारी को दुर्लभ बताया है। इस बीमारी के  चलते शरीर के कई हिस्सों पर बाल उग जाते हैं, जो परेशानी का कारण बनते हैं। उन्होंने आगे कहा “इन बालों की वजह से पीड़ित को भोजन करने, सांस लेने आदि में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और इन सब दिक्कतों  इसी प्रकार की दिक्कतों से ललित पाटीदार भी जूझ रहा है।”

Madhya Pradesh: ललित पाटीदार ने बताया कि “पहले उसके साथ पढ़ने वाले बच्चे उससे दूर और भयभीत भी रहते थे और कई लोग तो उस पर पत्थर भी फेक चुके हैं। उसको पहले बंदर और अन्य नामों से भी चिढ़ाया जाता था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे डर का स्थान आस्था ने ले लिया।

उसके आगे कहा कि “कुछ लोग उसे बाल हनुमान मानकर उसकी पूजा भी कर चुके हैं और इसके अलावा और कुछ लोग उसे जामवंत नाम से भी बुलाते थे। जब डर ने आस्था का स्थान ले लिया तो बाद में उसे सामाजिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है।”

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।