Mainpuri By-Election 2022: मैनपुरी उपचुनाव का मतदान का दिन जैसे-जैसे करीब आ रहा है। सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गयी है। ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि ये कई दशकों से सपा का गढ़ रहा है। यहां से समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य मुलायम सिंह यादव की मैनपुरी लोकसभा पारिवारिक सीट रही है। नेता जी की मैनपुरी और उशसे लगी हुई सभी लोकसभी सीटों पर तूती बोलती थी। मुलायम सिंह के देहवसान के बाद खाली हुई सीट पर उनकी बड़ी बहूं डिंपल यादव किस्मत आजमा रही हैं।
Mainpuri By-Election 2022: आपको बता दें कि सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के समर्थन में पूरा यादव कुनबा एकजुट होकर चुनाव प्रचार में जुटा हुआ हैं। मैनपुरी उपचुनाव को भाजपा भी हल्के में नहीं लेना चाहती है। इसलिए, बीजेपी ने भी अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है। इसी क्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उन पर तंज कसते हुए कहा कि “जो कभी उपचुनावों में प्रचार तक करने नहीं जाते थे वो अब अपने पूरे परिवार के साथ गली-गली घूम रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि मैनपुरी में कभी उपचुनावों में सपा ने कभी प्रचार ही नहीं किया था लेकिन, अब मैनपुरी में बीजेपी की ऐसी हवा चल रही है कि वो अपने पूरे परिवार के साथ गली-गली घूम कर प्रचार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी डिप्टी सीएम मौर्य ने दावा किया था कि सपा को बीजेपी से डर लगता है क्योंकि अब बीजेपी के प्रति लोगों को समर्थन बढ़ रहा है। आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट भी बीजेपी जीतने जा रही है। बीजेपी ने इस सीट पर शिवपाल यादव के करीबी रहे रघुराज शाक्य को टिकट दिया है।
Mainpuri By-Election 2022: वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी मैनपुरी उपचुनाव को हल्के में लेने की भूल कभी नहीं करेंगे। उनको अच्छी तरह से पता है कि मैनपुरी उपचुनाव उनकी और नेता जी की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ हैं और उनके जाने के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर चुनाव हो रहा हैं। यही वजह है कि वो रामपुर और आजमगढ़ वाली गलती को दोहराना नहीं चाहते, जहां उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी थी, जिसका नतीजा ये हुआ था सपा को इन दोनों सीटों से हाथ ही धोना पड़ा…
यही वजह है कि मैनपुरी में अखिलेश यादव चुनाव प्रचार की जिम्मदारी खुद अपने हाथों में ली हैं। वो खुद कई दिनों से मैनपुरी में डेरा जमाए हए हैं और तमाम सभाओं के जरिए सपा के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश भी कर रहे हैं।
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