Maharashtra: चंद्रकांत पाटिल के बयान पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भड़क गए और उन्होंने कहा कि ” जब बाबरी गिरी तो चूहे बिल में थे… मैं मानता हूं यह भाजपा की चाल है। धीरे-धीरे वो हिंदू हृदय सम्राट(बालासाहेब ठाकरे) के महत्व को भी लोगों के मन से निकालना चाहते हैं। इनके पास कोई नेता नहीं है जिसने आज़ादी के संग्राम में हिस्सा लिया हो। ये सबके आदर्शों को चोरी कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “श्रेय का तो सवाल ही नहीं है यह सरासर झूठ है। जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी तब ये लोग कहां थे? इतने वर्षों बाद इनकी आवाज़ बाहर आ रही है। चंद्रकांत पाटिल जी का इस्तीफा लेना चाहिए।”
#WATCH श्रेय का तो सवाल ही नहीं है यह सरासर झूठ है। जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी तब ये लोग कहां थे? इतने वर्षों बाद इनकी आवाज़ बाहर आ रही है। चंद्रकांत पाटिल जी का इस्तीफा लेना चाहिए: चंद्रकांत पाटिल के बयान पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मुंबई pic.twitter.com/Y8nD39RjAs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2023
Maharashtra: आपको बता दें कि इससे पहले शिंदे सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने ने कहा था कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ध्वंस की कार्यवाही के दौरान एक भी शिवसैनिक शामिल नहीं था। उन्होंने आगे कहा था कि बाबरी मस्जिद को गिराने का श्रेय दुर्गा वाहिनी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जाता हैं।
इसके बाद से ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र कि सीएम शिंदे से मांग करते हुए कहा कि “तत्काल प्रभाव से चंद्रकांत पाटिल को मंत्रीमंडल बर्खास्त करें या फिर उनका इस्तीफा लें।”
Maharashtra: उद्धव ठाकरे भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं एकनाथ शिंदे सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ने गत सोमवार 10 के शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकर के उस बयान को झुठला दिया था। जिसमें ठाकरे ने कहा था कि “6 दिसंबर को बाबरी विध्वंश में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि “सभी दिवंगत बाला साहब का सम्मान करते है और वो किसी एक के नेता नहीं है। बालासाहेब ठाकरे सभी हिंदूओं के नेता हैं और हर कोई उनके नाम का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है।”
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