Manipur Violence: मणिपुर के हालात पर सीएम ने राज्य में शांति लाने की अपील, 60 लोगों की मौत 230 से अधिक घायल

manipur

Manipur violence: मणिपुर में 3 मई को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि मणिपुर हिंसा में 230 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं, जबकि लगभग 1700 घर जल गए हैं. सिंह के मुताबिक, राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों से करीब 20,000 लोगों को निकाला गया है, जबकि 10,000 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।

3 मई की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लगभग 60 निर्दोष लोगों की जान चली गई, 231 लोगों को चोटें आईं और लगभग 1700 घर जल गए। मणिपुर के सीएम ने कहा मैं लोगों से राज्य में शांति लाने की अपील करता हूं।

गृह मंत्री अमित शाह: बीस हजार से अधिक फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला

वही केंद्रीय मंत्री अमित शाह मणिपुर के हालात पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। सिंह ने कहा,”अब तक, 20,000 फंसे हुए लोगों को निकाला गया है। लगभग 10,000 लोग अभी भी फंसे हुए हैं।  गृह मंत्री अमित शाह घटना के दिन से लेकर अब तक घटना पर निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय बलों से कई कंपनियां भेजी हैं।”उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मणिपुर में विभिन्न स्थानों पर फंसे उन सभी व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों और आश्रय शिविरों में सर्वोत्तम संभव देखभाल और सहायता प्रदान की जाएंगी। हिंसा की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।अब तक, 1593 छात्रों सहित 35,655 लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।

मणिपुर सीएम ने शांति के लिए की अपील 

मणिपुर के सीएम ने कहा, “हिंसा भड़काने वाले व्यक्तियों/समूहों और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर जिम्मेदारी तय करने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच की जाएगी। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि निराधार अफवाहें न फैलाने या उन पर विश्वास न करने की अपील करता हूं।”

आपको ये भी बता दे की 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) द्वारा आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान मणिपुर के चुराचंदपुर जिले के तोरबुंग क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी। यूनियन मैतेई लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) को दर्जा देने की मांग कर रहा था। मणिपुर उच्च न्यायालय ने पिछले महीने राज्य सरकार से मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर केंद्र को चार सप्ताह के भीतर सिफारिश भेजने के लिए कहा था, जिसके बाद आदिवासियों ने नागा और कुकी सहित मार्च का आयोजन किया था।

छात्र निकाय और सीएसओ फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एकजुट हुए। हिंसा के कारण मणिपुर में फंसे 518 लोगों को निकालने के लिए छात्र समूहों और नागरिक समाज संगठनों ने मिलकर काम किया। “फंसे हुए व्यक्तियों को सुरक्षित रूप से इम्फाल ले जाया गया और खुमान लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के अंदर यूथ हॉस्टल में ठहराया गया। जिन लोगों को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी, उन्हें तुरंत एंबुलेंस का उपयोग कर अस्पतालों में ले जाया गया।”

“20,000 लोगों में, उनमें से केवल आधे अभी भी फंसे हुए हैं, लेकिन विभिन्न स्थानों पर  सुरक्षित वातावरण में हैं। राज्य के बाहर से लगभग 1,500 अन्य, ज्यादातर छात्रों को पहले ही उनके गृह राज्यों में भेज दिया गया है”।

Written By: Poline Barnard

यह भी पढे़..

The Keral Story: ममता बनर्जी ने ‘द केरल स्टोरी’ पर लगाया बैन, कहा-“पश्चिम बंगाल में बिगड़ सकती है कानून व्यवस्था”

Sports News: मुंबई इंडियंस का सामना करेगी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, अब देखना होगा किसका चलेगा बल्ला और किसकी होगी जीत

By खबर इंडिया स्टाफ