New Delhi: खालिस्तानी पोस्टर पर कनाडा के खिलाफ भारत की कड़ी टिप्पणी,NSA टिम बैरो से मिले अजित डोभाल

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New Delhi: राष्ट्रीय की सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अपने ब्रिटिश समकक्ष टिम बैरो के शुक्रवार 7 जुलाई नई दिल्ली के सरदार पटेल भवन साथ मुलाकात हुई। इस दौरान डोभाल खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया गया। उनके बीच कई द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। खालिस्तानियों की तरफ से ओर से 8 जुलाई को भारतीय दूतावास के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन बुलाया गया है।

New Delhi: बैठक ऐसे वक्त में हो रही है, जब हाल ही में खालिस्तानी समर्थक और अमृतपाल सिह का करीबी अवतार सिंह खंडा की मौत होने का मामला सामने आया था। उस पर यूके में भारतीय तिरंगे का अपमान करने का आरोप था। घटना इसी साल 19 मार्च को हुई थी। तिरंगे के अपमान मामले की जांच अब एनआईए भी कर रही है।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ब्रिटेन स्थित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के चीफ और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के हैंडलर अवतार सिंह खांडा की 15 जून को बर्मिंघम के एक अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इसे खालिस्तान आंदोलन को लगने वाला बड़ा झटका माना गया था, हालांकि कुछ और नेताओं के चलते भारत के खिलाफ लगातार प्रदर्शन की तैयारियां हो रही हैं।

वरिष्ठ लेखक गुरप्रीत सिंह सहोता: खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खंडा की मौत की थी पुष्टि

कनाडा के वरिष्ठ लेखक गुरप्रीत सिंह सहोता ने अवतार सिंह खंडा की मौत की पुष्टि की थी।हालांकि कुछ और नेताओं की तरफ से भारत के खिलाफ निरंतर प्रदर्शन की तैयारियां हो रही हैं। जिन पर अंकुश लगाने के लिए ब्रिटेन के NSA से चर्चा हो रही है।

प्रवक्ता अरिंदम बागची: भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले खालिस्तानी पोस्टर

New Delhi: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि “भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले खालिस्तानी पोस्टर अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। भारत ने खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाए जाने की घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कनाडा सरकार को चेतावनी दे दी है।”

आपको बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो ने खालिस्तानी प्रदर्शन को अभिव्यक्ति की आजादी बताया था। इस प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा कि “ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। ये हिंसा को बढ़ावा देने वाला, अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही आतंकवाद को जायज ठहराने जैसा है।”

New Delhi: अरिंदम बागची ने कहा कि “यह मुद्दा अभिव्यक्ति की आजादी का नहीं है, बल्कि हिंसा को भड़काने, अलगाववाद को बढ़ाने और आतंकवाद की वकालत का है। वैध बनाने के लिए इसके दुरुपयोग का है।”

New Delhi: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “आतंकवादी तत्वों को कोई जगह नहीं दी जानी चाहिए।बागची ने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के जनमत संग्रह वाले वीडियो पर कहा कि हमें इसकी जानकारी है और हमने इस मुद्दे कनाडा के अधिकारियों के सामने उठाया है। यही नहीं SFJ चीफ गुरपतवंत पन्नू का भारतीय राजनियकों को धमकी वाले वीडियो को लेकर भी भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। बागची ने कहा कि इस मुद्दे को कनाडा सरकार के सामने उठाया गया है।”

मार्च में किया था तिरंगे का अपमान करने का दुस्साहस

New Delhi: इससे पहले मार्च में भारतीय उच्चायोग के ऊपर लहरा रहे तिरंगे का प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए अपमान किया था। 19 मार्च की घटना के बाद भारत ने अपने राजनयिक मिशन की सुरक्षा को लेकर ब्रिटिश सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था और परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर सवाल भी उठाया था।

 गौरतलब है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों ने दो संजय वर्मा और महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए थे जिसके बाद भारत अलर्ट हो गया था।

Written By- Polline Barnard.

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यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'