New Parliament Building Inaugration: नई संसद के उद्घाटन को लेकर 21 अधीनम चैन्नई से रवाना, एकनाथ शिंदे -“यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है सभी को इसमें सामिल होना चाहिए”

New Parliament Building

New Parliament Building Inaugration: नए संसद भवन का उद्घाटन रविवार 27 मई को होगा। समारोह में भाग लेने के लिए 21 अधीनम चेन्नई हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए रवाना हुए। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि “यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है सभी को इसमें सामिल होना चाहिए लेकिन कुछ लोग ऐसे लोग हैं जिन्हें जान बूझकर विघ्न लाना है। देश की जनता समझदार है जिन्हें समस्या हो रही है उनका इलाज जनता ही करेगी।”

वेणूगोपाल ने लगाया राष्ट्रपति के अपमान का आरोप

कांग्रेस नेता केसी वेणूगोपाल ने राष्ट्रपति के अपमान को लेकर कहा कि “यह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को दरकिनार करने का मुद्दा है। वे इस प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं दे रहे हैं कि उद्घाटन करने के लिए अगल राष्ट्रपति की अयोग्यता है तो वह क्या है? उन्हें इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिए। उन्होंने भारत के राष्ट्रपति को आमंत्रित क्यों नहीं किया।”

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष: कांग्रेस ने कभी राष्ट्रपति को सम्मान…

New Parliament Building Inaugration: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि “कांग्रेस ने कभी राष्ट्रपति को सम्मान नहीं दिया। इंदिरा गांधी ने अनेक्सी बिल्डिंग का उद्घाटन किया, राजीव गांधी ने लाइब्ररी बिल्डिंग का शिलान्यास किया, उन्होंने अपने किस कार्यक्रम में राष्ट्रपति को बुलाया। इन्होंने राष्ट्रपति के बजट भाषण का बहिष्कार किया था तो आज क्यों राष्ट्रपति की बात कर रहे हैं?”

गुलाम नबी आजाद: 35 साल पहले देखा था नई संसद का सपना, अफसोस जब नहीं बना पाए थे

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि “जब वह नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय संसदीय मंत्री थे तब उन्होंने नई संसद के निर्माण का सपना देखा था और साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने तात्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से नई संसद बनाने के बारे में चर्चा की थी, बल्कि एक नक्शा भी बनाया था लेकिन हम तब बना नहीं पाए थे।”

उन्होंने कहा कि “देश की आजादी के बाद, देश की आबादी 5 गुना अधिक बढ़ गई है, उसी हिसाब से प्रतिनिधियों की संख्या भी बढ़ी है। गुलाम नबी आजाद ने कहा, इसलिए नई संसद भवन बननी ही बननी थी।”

गुलाम नबी आजाद: उनको तो खुश होना चाहिए कि देश को नई संसद

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि “मुझे समझ में नहीं आता है कि आखिर क्यों विपक्षी पार्टियां  चिल्ला रही हैं, जबकि उनको तो खुश होना चाहिए कि देश को नई संसद मिल रही है।”

 

नबी ने आगे कहा कि “अगर मैं दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर शामिल होता। विपक्ष को रिकॉर्ड समय में नई संसद बनाने के लिए सरकार की प्रशंसा करनी चाहिए, जबकि वे सरकार की आलोचना कर रहे हैं और मैं विपक्ष द्वारा इसका बहिष्कार करने के सख्त खिलाफ हूं।”

 

ये भी पढ़ें…

New Parliament Building: नई संसद की पहचान है सेंगोल, विपक्ष कर रहा है इसका विरोध
Pakistan: 9 साल की हिंदू बच्ची से 45 वर्षीय वजीर हुसैन ने जबरन किया निकाह, रोती रही बच्ची
By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।