Shraddha Murder Case: आफताब की पुलिस को खुली चुनौती- हाँ मैने ही मारा है श्रृद्धा को, दम है तो हथियार और उसके अंगों को ढूंढ कर दिखाओ

Shraddha Murder Case

Shraddha Murder Case: दिल्ली में हुई श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने बेशक अपना गुनाह कबूल कर लिया हो, लेकिन इसके बावजूद पुलिस अभी तक श्रद्धा का सिर और धड़ बरामद नहीं कर पाई है।

आपको बता दें कि पुलिस के मुताबिक आफताब ने पुलिस को खुली चुनौती दे दी है, आफताब ने कहा है कि हॉं मैंने श्रद्धा को मारा है, दम है तो शरीर के टुकड़े और औजार बरामद करके दिखाओ। आफताब पुलिस को एक बार नहीं कई बार ये चुनौती दे चुका है। आरोपी की इस चुनौती को लेकर  दिल्ली पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं।

Shraddha Murder Case:  दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की स्थिति पर कहा कि जब महरौली पुलिस को फटकार मिली तो आफताब ने कहा था कि मैंने श्रद्धा का मर्डर किया है। अगर आपमें दम है तो शरीर के अंगों को ढूंढ करके दिखाएं। वह इस चुनौती को अब लगातार दोहरा रहे हैं। पुलिस अभी तक श्रद्धा का सिर और बीच का हिस्सा बरामद नहीं कर पाई है।

छत्तरपुर के जंगल से बरामद जबड़ा और 100 फुट रोड़ से बरामद शव के टुकड़े से पता चलता है कि यह किसी महिला का शव है, पर अभी भी पुलिस तो श्रध्दा का अभी तक मृत शरीर को टुकडे करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद नहीं कर पाई है। हालांकि पुलिस तो किचन से पांच बढ़े ब्लेड बरामद हुए हैं। इन्हीं का इस्तेमाल आरोपितों ने श्रद्धा के शव को छोटे-छोटे टुकडे करने के लिए किया था।

Shraddha Murder Case: आफताब श्रद्धा बनकर वाट्स्ऐप पर दोस्त से कर रहा था बात

एक महीने से ज्यादा समय तक आफताब श्रद्धा का फोन इस्तेमाल करता रहा। लेकिन वह कॉल करने की बजाय वाट्सएप पर चेट पर बात करता था। श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण के एक व्हाट्सएप संदेश ने श्रद्धा के रूप में प्रस्तुत हत्थारे को लक्ष्मण को सूचित करने के लिए प्रेरित किया कि वह अब व्यस्त है लेकिन बात करेगी।उसने बाद में लक्ष्मण को बताया कि श्रद्धा (मैने)  आफताब से रिश्ता तोड़ लिया है।

Shraddha Murder Case: इसके बाद वो मुंबई चला गया और श्रद्धा का फोन और सिम कार्ड समुद्र में फेंक दिया। वह उस वक्त मुंबई के किराये के घर से सामान निकालने गया था। श्रद्धा का फोन और सिम कार्ड अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर पायी है।

Shraddha Murder Case: आप इससे समझ सकते हैं कि एक इंसान कितना पत्थर दिल , बेरहम हो सकता हैं की अपनी प्रेमिका जिसको वह इतना प्यार करता था। उसके 35 टुकड़े में काट कर रोजाना टुकड़ों को फेंकने जाता था और पकड़े जाने पर इतनी सी भी बेशर्मी देखने को मिलती है।

उसके चेहरे पर और पुलिस को ही चुनौती देता है की हाँ मैंने ही मारा है श्रध्दा को , ऐसे लोग इंसान नहीं दरिंदे होते हैं इनके अंदर रहम नाम की चीज नहीं होती। दुनिया मैं इसे ऐसे भी प्यार करने वाले हुए है जोह अपने प्यार के लिए दुनिया से लड़ बैठे थे।

Written By— Aniket sardhana

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।