Supreme Court on Manipur Violence:मणिपुर वायरल वीडियो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (31 जुलाई) को सुनवाई हुई, जिसमें दो महिलाओं का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। और भीड़ की तरफ से उन्हें नग्न घुमाया गया था। इस दौरान कोर्ट ने सरकार से कई सख्त सवाल किए।
सीजेआई ने किए कड़े सवाल
Supreme Court on Manipur Violence:मणिपुर हिंसा को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा है। विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है।मणिपुर हिंसा के बीच सामने आए महिलाओं के एक वीडियो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए करीब एक हफ्ते का वक्त दिया था। जिसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस ने आप इस बात का हवाला देकर पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। कि देश के बाकी राज्यों में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं। इसके अलावा सीजेआई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि ये मामला निर्भया जैसा नहीं है, ये एक अलग तरह का मामला है।
निर्भया कांड का जिक्र कर क्या कहा
Supreme Court on Manipur Violence: CJI ने घटना के 4 मई को सामने आने का उल्लेख करते हुए पूछा कि प्राथमिकी दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे? राज्य में मई महीने से इस तरह की घटनाओं के मामले में कितनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पीड़ितों के बयान हैं। कि उन्हें पुलिस ने भीड़ को सौंपा था। ये निर्भया जैसी स्थिति नहीं है, जिसमें एक बलात्कार हुआ था। वो भी काफी भयावह था लेकिन इससे अलग था। यहां हम प्रणालीगत हिंसा से निपट रहे हैं, जिसे आईपीसी एक अलग अपराध मानता है।
Supreme Court on Manipur Violence: 4 मई को एक वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर की पहाड़ियों में तनाव बढ़ गया, जिसमें एक युद्धरत समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ पुरुषों द्वारा नग्न परेड करते हुए दिखाया गया है। सेनापति जिले के एक गांव में भीड़ द्वारा दो आदिवासी महिलाओं से छेड़छाड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद मणिपुर पुलिस ने 20 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
सड़क से संसद तक हंगामा
Supreme Court on Manipur Violence:देश में सरकार के दो सर्वोच्च कानून अधिकारियों, अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल दोनों को यह बताने के लिए बुलाया कि अदालत दृश्यों से “गहराई से परेशान” है। मुख्य न्यायाधीश ने अदालत की ओर से बोलते हुए केंद्र और मणिपुर सरकार को अल्टीमेटम दिया कि या तो अपराधियों को सजा दी जाए या न्यायपालिका को कार्रवाई करने के लिए अलग कर दिया जाए।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थी लेकिन विपक्ष ने कार्यवाही बाधित की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसने संसद नहीं चलने देने का मन बना लिया है।
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Written By: Didhiti Sharma