Aligarh News: पूर्व विधायक के भाई ने आरोपियों को सजा दिलाने की खाई थी कसम, 16 साल बाद मिला इंसाफ

पुलिस की हिरासत में तेजवीर सिंह गुड्डू

Aligarh News: अलीगढ़ कोर्ट ने सोमवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह उर्फ गुड्डू समेत 15 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिला अलीगढ़ की विधानसभा इगलास से पूर्व विधायक मलखान सिंह की हत्या के मामले में सोमवार को अदालत ने फैसला सुनाया है। फैसले के बाद इंसाफ की आस लगाये बैठे परिवार की आंखों से आंसू छलक उठे। पूर्व विधायक के भाई ने आरोपियों को सजा दिलाने की कसम खाई थी। सन 2006 में पूर्व विधायक की हत्या से पूरा अलीगढ़ दहल उठा था।

क्यों की गई थी पूर्व विधायक की हत्या?

सन 1996 में भाजपा ने चौ. मलखान सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने कांग्रेस के चौ. बिजेंद्र सिंह को कराया था। 2002 के विधानसभा चुनाव में फिर मलखान चुनाव लड़े, लेकिन इस बार कांग्रेस के बिजेंद्र सिंह ने उन्हें हरा दिया। लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में बिजेंद्र सिंह सांसद बन गए। इसके बाद इगलास सीट पर उप चुनाव हुए।

उस समय सपा-रालोद की सरकार थी और मलखान सिंह रालोद में शामिल हो गए थे। गठबंधन की ओर से 2005 के उप चुनाव में मलखान सिंह मैदान में थे। जबकि भाजपा की ओर से तेजवीर सिंह गुड्‌डू की पत्नी नीरा चौधरी मैदान में थी। कांग्रेस से चौ. बिजेंद्र सिंह की पत्नी और बसपा से मुकुल उपाध्याय चुनाव लड़े।

Aligarh News: मतदान के दौरान मलखान और गुड्‌डू के समर्थको में विवाद हो गया। जिसके बाद दोनों गोंडा थाने पहुंच गए। यहां मलखान और गुड्‌डू के बीच तीखी झड़प हुई। जैसे तैसे पुलिस और अन्य लोगों ने दोनों का बीच-बचाव कराया था। यहां से दोनों के बीच राजनैतिक द्वेष शुरू हुआ। जबकि इस चुनाव में बसपा के मुकुल उपाध्याय ने जीत हासिल की थी।

उसके बाद अलीगढ़ में जिला पंचायत के चुनाव 2006 में हुए थे। उस समय तेजवीर सिंह गुड्‌डू निवर्तमान अध्यक्ष थे। चूंकि जिला पंचायत की सीट एससी महिला हो गई थी। इसलिए गुड्‌डू ने अपने घर में काम करने वाली अनुसूचित जाति की महिला को चुनाव लड़ाया था।

Aligarh News: वहीं अन्य दलों के लोगों ने रामसखी कठेरिया को विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था। गुड्‌डू को भरोसा था कि जीत उनकी होगी, लेकिन चुनाव में उल्टा हो गया। रामसखी को सदस्यों का बहुमत मिला और वह अध्यक्ष बनीं। गुड्‌डू ने इसका जिम्मेदार पूर्व विधायक को माना था, जिसके बाद उनकी हत्या हो गई।

दोषियों की शिकायत पर बुलंदशहर गया था मामला

Aligarh News: पूर्व विधायक मलखान सिंह की 2006 में हत्या के बाद 2009 में हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई बुलंदशहर में स्थानांतरित कर दी गई थी। प्रतिवादियों ने न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था ,कि पूर्व विधायक का परिवार काफी रसूखदार है। वह अपने इस रसूख का फायदा उठाकर न्यायालय की कार्रवाई में दखल दे सकता है। जिसके चलते न्यायालय ने मामला स्थानांतरित किया था। अब इस मामले में आरोपियों को दोषी पाया गया है।

सांप्रदायिक दंगों की आड़ में हुई थी विधायक की हत्या

अलीगढ़ में 2006 में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसकी आड़ लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्‌डू ने विधायक की हत्या करा दी थी। लेकिन कुछ ही समय में तस्वीर साफ हो गई थी और सभी को पता चल गया था, कि हत्या की साजिश के पीछे कौन है।

Aligarh News: पूर्व विधायक अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई जो सेना से रिटायर्ड हैं, उनकी ही तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने उस समय कसम खाई थी, कि अपने भाई के हत्यारों को सजा जरूर दिलाएंगे। जिसके बाद से वह लगातार मुकदमें की पैरवी कर रहे हैं। पूर्व विधायक के परिवार को आज तक सुरक्षा मिली हुई है।

30 वर्ष में तेजवीर सिंह गुड्डू पर 44 मुकदमें

तेजवीर सिंह उर्फ गुड्‌डू पर पिछले 30 साल में दर्ज हुए 44 मुकदमों में 10 हत्या के रहे हैं। जबकि उन पर 4 बार रासुका और 6 बार गैंगस्टर लगी है। इसमें क्वार्सी में 17, सिविल लाइंस में 9, गोंडा में 4, इगलास में 4, लोधा में 1, खैर में 1, मथुरा में 1, हाथरस के हसायन में 3, बुलंदशहर में 2, मैनपुरी में 1 व राजस्थान के अलवर में 1 मुकदमा दर्ज हुआ था।

Aligarh News: ज्यादातर मामलों में वह दोषमुक्त हुए हैं। पिछले दो-तीन सालों में दर्ज हुए धोखाधड़ी और गैंगस्टर जैसे मामले ही विचाराधीन हैं। लेकिन पूर्व विधायक हत्याकांड में उन्हें सजा हुई है। उनके ऊपर गैंगस्टर एक्ट के चलते पिछले दिनों पुलिस ने करोड़ों की संपत्ति भी जब्त की थी। इससे पहले 2011 में भी एक बार गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी संपत्ति जब्त की गई थी। जो बाद में कोर्ट के आदेश पर छूटी थी।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।