Mathura: वृंदावन की लस्सी के नेता-अभिनेता व विदेशी लोग भी मुरीद, ‘ये लस्सी नहीं कान्हा का प्यार है’

वृंदावन की लस्सी

Mathura: बृज क्षेत्र युगों-युगों से छाछ, दूध व माखन को लेकर प्रसिद्ध है। भगवान कृष्ण को भी ये चीजें बेहद पसंद थीं। यही कारण है, कि आज वृंदावन की लस्सी व माखन देश में ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है। जो भी ब्रज में आता है, तो वृंदावन की लस्सी जरूर चखता है। अगर नहीं चखता है, तो उसका बृज भ्रमण अधूरा माना जाता है।

आपने देखा होगा, कि एक तरफ, बांके बिहारी की कुंज गलियों में राधे-राधे का शोर रहता है, तो दूसरी तरफ, यहां दुकानों में कुल्हड़ में सौंधी महक वाली लस्सी का जोर। इस लस्सी का जायका ऐसा है कि बांके बिहारी के दर्शन के बाद सीधे भक्त कुंज गलियों की इन्हीं दुकानों में पहुंचते हैं।

वृंदावन की लस्सी का हर कोई दीवाना

सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर भाजपा सांसद हेमा मालिनी तक यहां लस्सी जरूर पीने आते हैं। ऐसा हो भी क्यों न, कान्हा की लीलाओं में दूध-दही और माखन बहुत अहम रहा है।

Mathura: जितनी खास ये लस्सी है, उतने ही खास तरीके से यहां लस्सी पिलाई भी जाती है। कुल्हड़ थमाते हुए दुकानदार कहते हैं, ‘ये लस्सी नहीं, कान्हा का प्यार है…।’ लस्सी पिलाने वाले कहते हैं कि हमें हर शख्स में कान्हा ही दिखता है। इसलिए लस्सी पिलाने में भी वही भाव रहता है।

मथुरा के पेड़ा और वृंदावन की लस्सी दुनिया में प्रसिद्ध

बृज में 2 ही चीजें तो फेमस हैं। पहला, मथुरा का पेड़ा। दूसरा, वृंदावन की लस्सी। लोग देश-विदेश से यहां दर्शन के लिए आते हैं। खास स्वाद की तलाश में इन कुंज गलियों में लस्सी तक पहुंच जाते हैं। टूरिस्ट के लिए यहां की मक्खन वाली लस्सी का जायका कभी न भुलने वाला होता है।

Mathura: अब सबसे पहले आपको वृंदावन की कुंज गलियों में लेकर चलते हैं। जहां ये लस्सी की दुकानें हैं। बांके बिहारी मंदिर के आस-पास गोवर्धन गेट, बांके बिहारी मुख्य गेट, वीआईपी रोड और फलहारी गली में कई प्रसिद्ध दुकानें हैं। थोड़ा बाहर आएंगे, तो आपको इस्कॉन और रंगनाथ गली में भी लस्सी की अच्छी दुकानें मिल जाएंगी। जहां बृज की लस्सी का स्वाद लिया जा सकता है।

हर रोज 75 हजार कृष्ण भक्त चखते हैं लस्सी का स्वाद

Mathura: वृंदावन में लस्सी की चाहत को ऐसे समझिए कि यहां 25 दुकानें हैं। रेट भी बहुत वाजिब है। लस्सी का छोटा कुल्हड़ 40 रुपए। बड़ा कुल्हड़ 60 रुपए। सिर्फ कुंज गलियों में हर रोज 75 हजार भक्त मलाईदार लस्सी का स्वाद लेते हैं।

ये भी पढ़ें..

Mathura: भाजपा जिलाध्यक्ष पद से मधु शर्मा का इस्तीफा, कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण सहित जनप्रतिनिधियों पर लगाए गंभीर आरोप

Mathura: जिस कुंड में मां देवकी ने कृष्ण के धोये थे पोतरा, मुगलों ने कर दिया था तहस-नहस

By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।