Special Report: नारी शक्ति का प्रतीक, मगरमच्छ से भिड़ी महिला ने बचाई पति की जान

Special Report: स्त्री में बहुत शक्ति होती है, अगर बात उसके बच्चे और सुहाग पर आ जाए तो उसको दुर्गा काली बनने में तनिक भी देर नही लगती .. अपनों को बचाने के लिए वो अपने जीवन की भी परवाह तक नहीं करती है। पहले भी स्त्रियां ऐसी होती थी और आज भी ऐसी स्त्रियां होती है जो अपनों के जीवन को बचाने के लिए किसी से भी लड़ जाती है। सतयुग से  लेकर त्रेता तक और द्वापर से लेकर कलयुग तक ऐसी सतीत्व वाले गुणों वाली स्त्रियों का कमी नहीं है और आज हम ऐसी ही स्त्रियों की बात करेंगे स्पेशल स्टोरी में….

दुनिया में रिश्ते-नाते जैसे भाई-बहन, मां-बाप दादा-दादी,नाना-नानी और पति-पत्नी। अगर दुनिया में प्यार-मोहब्बत ना हो तो ये दुनिया नहीं चल सकती क्योंकि जहां प्यार होगा वहीं रिश्ते निभाने वाले होंगे और अगर ये रिश्ते-नाते ना हो तो लोग अकेले रहेंगे जैसे इसका उदाहरण पश्चिमी देश में देखा जाता है, जहां मां-बाप अपने बच्चों के बालिग होते ही उन्हें अपने से दूर कर देते है।लेकिन भारत देश की अलग बात है, जहां धर्म, संस्कृति, रिश्तों को पैसो से ज्यादा अहमियत दी जाती है। वहीं बात करे कि एक ऐसे रिश्ते की जहां मतलब नहीं होता वो है पति-पत्नी का रिश्ता जिसे हर धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। पति-पत्नी जब सात जन्मों के रिश्ते में बंधते तो ये माना जाता है कि उनके रिश्ते को भगवान साक्षात आशीर्वाद दे रहे है, क्योंकि आपने तो वे कहावत सुनी होगी कि जोड़िया ऊपर बनती है।

Special Report: पति-पत्नी का बंधन पवित्र होता है

बुढ़ापे में पति-पत्नी एक-दूसरे का सहारा बनते है, कहते है ना कि बच्चे बुढ़ापे में अपने मां-बाप का सहारा बनते है तो ऐसा जरूरी नहीं क्योंकि बच्चे अपने लाइफ में बिज़ी हो जाते है तो वे अपने मां-बाप पर ध्यान नहीं दे पाते, जैसे एक पत्नी अपने पति का ध्यान रखती है, वैसी केयर कोई और नहीं कर सकता। पत्नी अपने पति की जान बचाने के लिए यमराज से भी भिड़ जाती है ताकि जब तक वे जिंदा है तब तक उसका पति सलामत रहे। आपने तो वे कहानी सुनी होगी कि सत्यवती ने अपने पति की जान बचाने के लिए यमराज तक से भिड़ गई थी। वहीं दूसरी तरफ देवी करवा की कहानी है, जिसमें देवी करवा ने अपनी जिंदगी के बारे में नहीं सोचा और अपने पति तुंगभद्रा की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गई।

एक दिन देवी करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो वहां एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी में खिंचने लगा। मृत्यु को करीब देखकर करवा के पति तुंगभद्रा देवी करवा को पुकारने लगे। करवा दौड़कर नदी के पास पहुंचीं और पति को मृत्यु के मुंह में ले जाते मगर को देखा। करवा ने तुरंत एक कच्चा धागा लेकर मगरमच्छ को एक पेड़ से बांध दिया। करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छा कच्चे धागे में ऐसा बंधा की टस से मस नहीं हो पा रहा था।

करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए कहा तो यमराज ने कहा मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि अभी मगरमच्छ की आयु शेष है और तुम्हारे पति की आयु पूरी हो चुकी है। क्रोधित होकर करवा ने यमराज से कहा, अगर आपने ऐसा नहीं किया तो मैं आपको शाप दे दूंगी। सती के शाप से भयभीत होकर यमराज ने तुरंत मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और करवा के पति को जीवनदान दिया।

पत्नी ने पति की बचाई जान

ऐसी ही एक घटना दक्षिण अफ्रीका से सामने आई है, जिसमें पत्नी अपने पति की जान बचाने के लिए यमराज से भिड़ गई। दक्षिण अफ्रीका की रहने वाली एनालिजे नाम की महिला ने 13 फीट लंबे मगरमच्छ के मुंह से अपने पति को निकाला। 37 वर्षीय एंथोनी जौबार्ट एक बांध पर मछली पकड़ने के लिए गए थे तभी उनका मछली पकड़ने वाला कांटा पानी में कही अटक गया। जैसे ही जौबार्ट फंसे हुए कांटे को निकालने के लिए पानी में गए तो वे घात लगाकर बैठ गए कि उनका आधा पैर मगरमच्छ निगल गया, तभी उनकी पत्नी एनालिजे वहा पहुंची और पति को मरता देख उन्होंने मगरमच्छ के सिर पर लाठी से वार करने लगी। पांच से छह वारों के बाद मगरमच्छ का जबड़ा खुलता है और जौबार्ट फिसलकर दूर गिर जाते है और ऐसे एनालिजे अपने पति की जान बचा लेती है।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।