Covid 19: भारत के साथ पूरी दुनिया में कोरोना कमजोर तो कम हुआ, लेकिन उससे होने वाले नुकसान में अभी तक कमी नहीं आई। एक ताजा रिसर्च ने भारत के साथ ही पूरी दुनिया को चौंका दिया है। अमेरिका के लॉस एंजेलिस में स्थित सीडर-स्मिड्ट सिनाई के कार्डिएक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने हृदय रोग और कोविड-19 के बीच संबंध को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जिसमें खुलासा हुआ है, कि कोरोना से पीड़ित हो चुके लोगों में हृदय संबंधी बीमारी का खतरा बढ़ गया है।
यह रिसर्च पीयर-रिव्यू जर्नल नेचर कार्डियोवास्कुलर में प्रकाशित हुआ है। रिसर्च में कहा गया है, कि कोविड-19 वैक्सीन ले चुके कुछ लोगों में पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम विकसित हो सकता है। अध्ययन के लेखक और सीडर-सिनाई में हृदय रोग विशेषज्ञ एलन सी क्वान कहते हैं, कि जब हम कोविड-19 वैक्सीन और POTS के बीच एक संभावित संबंध को देखते हैं।
Covid 19: तो पाते हैं, कि वैक्सीनेशन के माध्यम से कोविड-19 को रोकना अभी भी आपके POTS के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। इस रिसर्च में 2020 और 2022 के बीच 284,592 वैक्सीनेटेड लोगों को शामिल किया गया। साथ ही हृदय रोग के साथ कोविड-19 से संक्रमित 12,460 मरीजों को भी इसमें शामिल किया गया।
ANI के अनुसार शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कोविड-19 से बचाव वाले वैक्सीन लगाने के बाद लोगों में POTS जैसी बीमारी होने की आशंका पांच गुना अधिक बढ़ जाती है। जाहिर है, कि आज संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। रिसर्च में यह भी कहा गया है, कि संक्रमण के बाद से ही लोगों में हृदय रोग विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
Covid 19: पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम एक तंत्रिका तंत्र से संबंधित स्थिति है जो आमतौर पर युवा महिलाओं को प्रभावित करती है। इसे पहचाने का सबसे उपयुक्त तरीका यह है कि इसमें 10 मिनट तक खड़े रहने के भीतर दिल की धड़कन में 30 बीट तक की वृद्धि हो जाती है और यह 120 बीट प्रति मिनट के स्तर तक पहुंच जाता है। इससे अलग भी अन्य लक्षण हो सकते हैं।