Amit Shah: CRPC Amendment Bill 2023 को Lok Sabha में किया पेश, बताए किन-किन कानूनों में होगा बदलाव

amit shah

Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन भारतीय आपराधिक कानूनों में संपूर्ण बदलाव के लिए विधेयक पेश किए। इनके पारित होने के बाद भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता से बदल दिया जाएगा। शाह इन विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि आने वाले वक्त में ये बिल जब कानून बन जाएगा तो भारतीय न्याय संहिता में बड़ा बदलाव होगा। उन्होंने मॉब लिंचिंग से लेकर भगोड़े अपराधियों को लेकर कानून में कई सारे बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है। हालांकि, इस बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने का फैसला किया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वे सभी पीएम मोदी के पांच प्रणों में से एक को पूरा करने वाले हैं। इन तीन विधेयक में एक है इंडियन पीनल कोड, एक है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, तीसरा है इंडियन एविडेंस कोड। इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह, अब ‘भारतीय न्याय संहिता 2023’ होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ प्रस्थापित होगा और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ प्रस्थापित होगा।’

 इन कानूनों को रिप्लेस कर बनेंगे नए कानून 

Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इन तीनों कानूनों को रिप्लेस कर के इनकी जगह तीन नए कानून जो बनेंगे, उनकी भावना होगी भारतीय को अधिकार देने की। इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं होगा। इसका उद्देश्य लोगों को न्याय देना होगा। उन्होंने कहा कि 18 राज्यों, 6 केंद्रशासित प्रदेश, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सांसद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं।

चार साल तक इसपर काफी चर्चा हुई है। हमने इसपर 158 बैठकें की हैं.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है, इसीलिए हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जिन मामलों में 7 साल व उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।”

अमित शाह ने कहा कि सत्र न्यायालय के जज जिले भगोड़ा घोषित करेंगे, उसके अनुपस्थित रहने पर भी उसके मामले में सुनवाई होगी और उसे सजा होगी, उसे सजा से बचना हो तो भारत आए और केस लड़े।

प्रस्तावित नई आईपीसी की धाराएं

Amit Shah: 145 भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना/युद्ध छेड़ने का प्रयास करना या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना। यह वर्तमान धारा 121 के समान है। 146 युद्ध छेड़ने की साजिश। यह वर्तमान धारा 121ए के समान है। 147 भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि एकत्र करना। यह वर्तमान में धारा 122 के समान है।राजद्रोह का कानून खत्म होगा। इसकी जगह अब धारा 150 के तहत आरोप तय किए जाएंगे. धारा 150 कहती है- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य।

धारा 150 क्या कहती है?

Amit Shah: जो कोई, जानबूझकर या जानबूझकर बोले गए या लिखे गए शब्दों से या संकेतों द्वारा या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संचार द्वारा या वित्तीय साधनों के उपयोग से या अन्यथा अलगाव या सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियों को उत्तेजित करता है या उत्तेजित करने का प्रयास करता है या अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को प्रोत्साहित करता है या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालता है या ऐसे किसी भी कार्य में शामिल होता है, तो उसे आजीवन कारावास या कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

Written By: Poline Barnard

ये भी पढ़ें..

PM Modi: I.N.D.I.A द्वारा लाए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी, विपक्षियों की कर दी बोलती बंद
Pakistan National Assembly: पाक पीएम शाहबाज की सलाह पर राष्ट्रपति अल्वी,3 दिन पहले की संसद भंग पढ़िए पूरी रिपोर्ट

By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।