PM Modi: I.N.D.I.A द्वारा लाए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी, विपक्षियों की कर दी बोलती बंद

LOKSABHA

PM Modi: लोकसभा में  पिछले दो दिनों से अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाजपा और विपक्ष में तीखी बहस जारी है।  विपक्ष मणिपुर मामले को लगातार निशाना बनाकर मोदी सरकार को घेरने की हर संभव कोशिश कर रहा है।  मणिपुर के मुद्दे पर मोदी के खिलीाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही बहस के बीच और विपक्ष की मांग पर पीएम मोदी सदन में बोलने के लिए आ गए। मोदी के सदन में आते ही भाजपा सांसदों ने मोदी मोदी के नारे लगाए।

विपक्ष के नेता अधीररंजन चौधरी ने मणिपुर मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी को धृतराष्ट्र तक कह दिया। इस पर भाजपा सांसद बिफर गए और हंगामा करने लगे। अधीररंजन ने कहा कि जब राजा अंधा होता है तो दौपदी का चीरहरण होना तय है। इस पर मोदी सरकार के मंत्री अधीररंजन चौधरी से मांफी मांगने की बात पर अड़ गए। तब लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने बयान को रिकॉर्ड से हटाने की बात कही तब जाकर भाजपा सांसद शांत हुए।

पीएम मोदी ने दिया विपक्ष के सवालों का जवाब 

PM Modi: लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद जब पीएम मोदी सदन में बोलने के लिए खड़े हुए …. पीएम मोदी ने विपक्षियों के आरोपों का जवाब देते हुए सबसे पहले कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पता नहीं क्यों उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता। मोदी ने आगे कहा कि 2014 में 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी।

हमने युवाओं को खुले आसमान में उड़ने का अवसर दिया साथ ही उन्हें घोटालों से रहित सरकार दिया। आज युवा रिकॉड संख्या में नए स्टार्ट अप लगा रहा है। पूरे विश्व में हमने देश की साख बनाई, लेकिन विपक्ष विदेशों में देश की साख खराब करने में जुटा है। विपक्ष भारत की अच्छी बाते नहीं सुन सकता। आज के समय में देश में तेजी से गरीबी दर घट रही है। मोदी ने विपक्षियों पर निसाना साधते हुए कहा कि विपक्ष मेरे लिए काले टीके के रूप में है जिससे हमेशा शुभ ही होता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण मैं खुद हूं।

विपक्ष ने बैंकिंग सेक्टर के बारे में भी भ्रम फैलाया उसकाबुरा चाहा लेकिन बैंकों को profit दो गुना हुआ। मेरा विश्वास है जब 2028 में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा तब भारत विश्व की तीसरा बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका होगा। इस बीच विपक्ष के नेता लगातार मणिपुर-मणिपुर के नारे लगाते रहे और भाजपा सांसद मोदी मोदी के नारे लगाते हुए तालियां बजाते रहे।

प्रधानमंत्री मोदी के सदन में बोलने से पहले केन्द्र सरकार में मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कहते हैं नफरत की दुकान में मोहब्बत की दुकान लाएंगे,  इनकी दुकान भ्रष्टाचार, झूठ, तुष्टिकरण, अहंकार की दुकान है। यह केवल दुकान का नाम बदलते हैं लेकिन सामान वही रहता है। विपक्षियों का कहना है कि मोदी सरकार मणिपुर को बांट रही है। इतना ही नहीं बीते दिन राहुल गांधी ने भी मोदी के मणिपुर ना जाने पर सवाल उठाए थे।

देश को प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास है- अमित शाह 

PM Modi: राहुल गांधी के आरोंपो का जवाब लेते हुए लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने  सदन में एक तरह से मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। आगे उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर तरह की हिंसा को खत्म करने  के लिए जरूरी कदम उठा रही है। गृहमंत्री ने कहा कि पूरे देश को प्रधानमंत्री मोदी पर विश्वास है, भले विपक्ष को अविश्वास है। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा में मौजूद रहने और अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देने की बात कही थी। संसद में मॉनसून सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहा था।

दरअसल मणिपुर मुद्दे पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष ने 26 जुलाई को पेश किया था, जिसे लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला ने स्‍वीकार कर लिया था।8 से 10 अगस्‍त तक इस पर चर्चा की जानी है। 8 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष और मोदी सरकार के बीच बहस शुरू हुई। देखा जाए तो भारत के तमाम सरकारों के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव सदन में आया और यह अब तक का यह 28 वां प्रस्ताव है।

विपक्ष के नवगठित I.N.D.I.A गठबंधन 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने की रणनीति कर रहा है और मणिपुर हिंसा को लगातार मुद्दा बना रहा है। विपक्ष के I.N.D.I.A ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मणिपुर में जारी नस्ली हिंसा को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है और इस मामले पर लोकसभा में मंगलवार से चर्चा जारी है।

आखिर अविश्वास प्रस्ताव है क्या? 

PM Modi: चलिए आपको इस रिपोर्ट में बताते है कि अविश्वास प्रस्ताव है क्या?  किसी पार्टी को सत्ता में बने रहने के लिए संसद या सदन में  चुनौती देने के लिए विरोधी दल अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आता है। इसे विश्वास मत भी कहा जाता है, जो हाउस के अंदर वोटिंग की प्रक्रिया है। अविश्वास प्रस्ताव के तहत सरकार को संसद के सदस्यों के मतों के आधार पर विश्वास मत हासिल करना होता है, जिससे उस सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार प्राप्त होता है। विश्वास मत के लिए सरकार को संसद में 50 फीसदी या उससे ज्यादा वोट हासिल करने होते है।

विपक्ष ने मोदी के मणिपुर न जाने पर उठाए सवाल

PM Modi: विपक्ष की ओर से कांग्रेस के गौरव गोगोई ने इस बहस की शुरूआत की। उनके साथ अन्य विपक्षी नेताओं ने इस बहस में भाग लिया। संसद में जारी अविश्वास प्रस्ताव के दूसरे दिन सांसद राहुल गांधी भी शमिल थे। उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए है। वहीं भाजपा की ओर से निशिकांत दुबे ने भी बहस की शुरूआत की। 20 जुलाई को मॉनसून सत्र की शुरूआत से राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही लगातार ठप है। विपक्ष की यह मांग है कि मोदी जी पहले सदन में आकर मणिपुर मामले पर बयान दे। उनके तर्क का यह मतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव 2023 प्रधानमंत्री को अपनी बात मनवाने का एक ज़रिया है ।

543 सदस्यीय सदन में 331 सदस्य है, जिसमें अकेले भाजपा के 303 सांसद है। YSRCP के 22 और BJD के 12 सांसदो का भी समर्थन प्राप्त है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में 26 दलों के साथ नवगठित I.N.D.I.A गठबंधन के पास 144 सांसद है और इसे BRS  के 9 सांसदों का समर्थन प्राप्त हो सकता है।

Written By: Nyasha Jain

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।