Delhi: पियक्कड़ों का छलका दर्द नहीं मिल पा रहीं ठंडी और ब्रांडी बियर, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

बीयर

Delhi: जब उठी हो शाम को गिलास में डूबने की चाहत और गर्मियां सिर चढ़ कर बोलने लगे तो उसे दूर करने के लिए चिल्ड बियर न मिल पाये तो दर्द होना लाजमी है। देश की राजधानी दिल्ली की शामें चाहे कितनी भी रंगीन हो। लेकिन बियर ठंडी करने के लिए रेफ्रिजरेटर कम पड़ जायें तो पियक्कड़ों के लिए सबकुछ बेरंग सा लगता है। अब दिल्ली के बियर प्रेमियों का हाल खस्ता दिखाई दे रहा है। बियर प्रेमी अपनी पसंदीदा ब्रांड की ठंडी बियर की तलाश में हैं। लोगों को शराब की दुकानों से खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है।

दुकानों से रेफ्रिजरेटर गायब, दिल्ली में शराब की 550 दुकानें

दिल्ली में शराब के ठेके चलाने वाले लोगों ने माना है कि दुकानों पर रेफ्रिजरेटर नहीं हैं, ऐसे में ग्राहकों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। वहीं, आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्रांड की अनुपलब्धता की शिकायतें सामान्य हैं और दुकानों से बियर के किसी ब्रांड के गायब होने की कोई विशेष शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दुकानों पर जल्द ही रेफ्रिजरेटर होगा।

Delhi: सूत्रों के मुताबिक, दिल्लीवासियों ने पिछले साल बियर की 1.2 करोड़ पेटियां पी थीं। एक पेटी में 24 बोतलें होती हैं। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज के महानिदेशक विनोद गिरी ने बताया कि दिल्ली में हर साल करीब 15 करोड़ बोतल बियर पी जाती है। उन्होंने कहा कि गर्मी के तीन महीनों में मांग अधिक होती है, लगभग छह करोड़ बोतलें गर्मियों में पी जाती हैं।

दिल्ली में वर्तमान आबकारी शासन के तहत शहर भर में 550 से अधिक दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री की जा रही है। हालांकि, इन दिनों ज्यादातर शराब की की दुकानों से बियर के बड़े ब्रांड गायब हैं। इतना ही नहीं जिन दुकानों पर बियर मिल भी रही है, वो ठंडी नहीं मिल रही है। ऐसे में ग्राहक लगातार इसे लेकर शिकायत कर रहे हैं।

दिल्ली में बियर की कमी होने की क्या रही वजह?

Delhi: गिरि ने लोकप्रिय बियर ब्रांडों की कमी के पीछे कई वजह बताईं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बियर के उत्पादन की कमी और दूसरे राज्यों पर निर्भरता भी बियर की कमी की वजह है। गर्मियों में बियर की सप्लाई कम हो जाती है, क्योंकि अन्य राज्यों में स्थित कंपनियां टैक्स की बचत के लिए पहले स्थानीय मांग को पूरा करते हैं। इसके अलावा दिल्ली में कंपनी का मार्जिन कम है, ऐसे में कंपनियां अधिक लाभदायक बाजारों में पहले आपूर्ति करती हैं।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।