Kargil: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल दिवस के मौके पर पाकिस्तान को एक बार फिर उसकी सीमा बता दी है । राजनाथ सिंह ने कहा कि 1999 में अगर हमने उस समय LOC पार नहीं की थी। तो इसका यह मतलब नहीं है कि हम सीमा पार नहीं कर सकते। हम तब भी एलओसी पार कर सकते थे, हम अब भी एलओसी पार कर सकते हैं और भविष्य में जरूरत पड़ी तब भी एलओसी पार करेंगे । रक्षा मंत्री ने कहा कि 26 जुलाई 1999 में हमने युद्ध जीता लेकिन हमने सीमा पार नहीं की। क्योंकि हम शांतिप्रिय हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का ख्याल रखते हैं।
राजनाथ यिंह ने श्रद्धांजलि समारोह को किया संबोधित
Kargil: लद्दाख के द्रास मैं कारगिल युद्ध स्मारक पर सैन्य परंपरा के संग राजनाथ सिंह ने इस श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए बोले देश का सम्मान और उसकी प्रतिष्ठा हमारे लिए सबसे ऊपर है और इसके लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। हम सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दे सकते थे कि जब हमारे राष्ट्रीय हितों की बात आएगी तो हमारी सेना किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी।
चाहे कुछ भी हो, हम अभी भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। कारगिल की जीत पूरे भारत के गौरव की जीत है। 1999 में भारतीय सैनिकों ने कारगिल के चोटी पर जो झंडा फहराया था, वह सिर्फ झंडा नहीं था, बल्कि पूरे भारत का गौरव था।
राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि समारोह में जवानों के मनोबल को बढ़ाते हुए बोले 1999 में कारगिल की चोटी पर भारत माता की रक्षा के लिए जवानों ने जो विरता दिखाई थी, वह भारत के इतिहास में सदैव स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा। आज हम खुली हवा में इस कारण सांस ले रहे हैं। क्योंकि हमारे जवानों ने शून्य तापमान में भी अपनी बंदूकें नीचे नहीं झुकाई। आज भी भारत जैसा विशाल देश हमारे जवानों के मजबूत इरादों के बल पर टिकी हुई है।
भारत नाम का यह विशाल वट वृक्ष उन वीर सैनिकों के खून-पसीने से सिंचित है। भारत हजारों साल के अपने इतिहास में अपने देश को सुरक्षित रखने और उसके गौरव को बनाए रखने के लिए कई बार ठोकर खाया। लेकिन अपने वीर सैनिकों की मजबूत इरादों पर यह बार-बार उठ खड़ा हुआ।
Paid tributes to India’s bravehearts at Kargil War Memorial in Dras. The Indian Armed Forces fought valiantly and many soldiers laid down their lives in the line of duty. The nation will remain indebted to their service and sacrifice. pic.twitter.com/xuNXBuxXvj
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2023
मौत भी मेरे कर्तव्य के आड़े आई तो मैं उसे भी मार दूंगा- मनोज पांडे
Kargil: रक्षा मंत्री ने श्रद्धांजलि समारोह में जवानों के लिए तत्पर खड़े दिखे। जवानों का मनोबल बढ़ाया। राजनाथ सिंह ने भारतीय सेनाओं पर गर्व करते हुए बोले कि ना जाने कितनी बार हमारी सेनाओं के सामने खतरे आते रहते हैं, जहां वे मौत का भी सामना करते हैं, लेकिन वह मौत का सामना बिना रुके बिना डरे इसलिए करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि उसका अस्तित्व उसके राष्ट्र से होता है।
कैप्टन मनोज पांडे के उस बयान को राजनाथ सिंह ने याद किया। कैप्टन मनोज पांडे के उस बयान को कौन भूल सकता है। जब उन्होंने कहा था, ”अगर मौत भी मेरे कर्तव्य के आड़े आएगी, तो मैं मौत को भी मार डालूंगा।” ऐसे मजबूत इरादों के सामने दुनिया की कोई ताकत नहीं टिक सकती है तो फिर पाकिस्तान का क्या हश्र होगा।
माँ तेरा वैभव अमर रहे, हम दिन चार न रहें
Kargil: उन्होंने राजस्थान के सूबेदार मंगेज सिंह को भी याद किया और बोले कि घायल अवस्था में भी उन्होंने बंकर के पीछे पाकिस्तान के सैनिकों पर कई राउंड फायरिंग की थी और 7 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराए थे। अपने देश की अस्मिता को बचाने के लिए हमारे सैनिक अपने प्राण को निछावर कर देते हैं। ऐसे कई सैनिक थे, जिनकी हाल फिलहाल में शादी हुई थी,और ऐसे कई सैनिक भी थे जो शादीशुदा नहीं थे, ऐसे कई भी सैनिक थे, जो अपने परिवार में कमाने वाले एक थे।
लेकिन उन्होंने ना जाने अपने निजी जीवन में और उनके परिवार वालों ने कि इस देश की मान सम्मान को बनाए रखने के लिए कितनी ही परेशानियों का सामना किया हो। राष्ट्र के अस्तित्व को बचाने का प्रयास किया, क्योंकि उनके मन में यह भावना थी कि – माँ तेरा वैभव अमर रहे, हम दिन चार न रहें।
Written By: Juhi Pandit
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