Loksabha: पेपर लीक बिल आज, 5 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बिल पेश किया। बिल में पेपर लीक और दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
Loksabha: वहीं दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने पर भी कड़ी सजा मिलेगी।पेपर लीक और नकल के किन मामलों में कितनी सजा और जुर्माने का प्रावधान बिल में किया गया है।
Loksabha: देश के विभिन्न राज्यों में आए दिन पेपर लीक और नकल की घटनाएं होती रहती हैं। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कई राज्यों में पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी और दोबारा एग्जाम कराने पड़े। केंद्र सरकार ने पेपर लीक पर आज लोकसभा में सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 पेश कर दिया।
पेपर लीक करने लिए 10 साल की सजा
Loksabha: पेपर लीक के मामले में अपराध साबित होने पर दोषी को 10 साल की जेल और 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 से 5 साल की जेल होगी और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं अगर पेपर लीक और नकल के मामले में कोई भी संस्थान शामिल होता पाया गया, तो उससे परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा और उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
राजस्थान, तेलंगाना, एमपी, गुजरात, झारखंड में पेपर लीक होने के कारण परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी थी और इन परीक्षाओं का आयोजन फिर से किया गया था। वहीं दोबारा से परीक्षा कराने पर राज्य सरकार का पैसा खर्च होता है और कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार और स्थानीय प्रशासन को छात्रों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कही थी ये बात
Loksabha: इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।
विधेयक में इन परीक्षाओं को किया गया शामिल
Loksabha: अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने भर्ती के साथ-साथ उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई सुधार पेश किए हैं। विधेयक में यूपीएससी, कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं और एनईईटी और जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं को शामिल किया गया है।
Written By: Swati Singh
ये भी पढ़ें..