One Country One Election: कांग्रेस ने एक देश एक इलेक्शन को बताया देश विरोधी, समिति को भेजे जवाब में क्या कहा?

One Country One Election: कांग्रेस ने वन नेशन वन इलेक्शन को लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ बताया है, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इससे जुड़ी बनी समिति के सेक्रेटरी नितिन चंद्र को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि ये व्यवस्था संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध है। क्योंकि एक देश एक चुनाव की व्यवस्था लागू करने के लिए संविधान की मूल संरचना में बदलाव करना पड़ेगा।

One Country One Election: पार्टी के संचार मामलों के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से बताया है कि वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर समिति को 3 पन्नों का एक ख़त लिखकर विस्तार में अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर पार्टी का रुख साफ कर दिया है।

One Country One Election: खरगे ने दलील दी है कि एकसाथ चुनाव कराने के लिए कई विधान सभाओं को भंग करने की जरूरत पड़ेगी जिनका कार्यकाल पूरा होने में समय है। ऐसे में ये उन राज्यों के मतदाताओं के साथ धोखा होगा।

चुनावी फंडिंग को पारदर्शी बनाने पर जोर दे समितिः खरगे

One Country One Election: खरगे ने कहा कि इसके विपरीत 2016-22 तक केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को 10,122 करोड़ रुपए चंदा मिलता है, जिसमें 5271 करोड़ से अधिक गोपनीय चुनावी बांड के जरिए दिए गए।

ऐसे में समिति, सरकार और चुनाव आयोग वास्तव में खर्च को लेकर गंभीर है तो उसे चुनावी फंडिंग को पारदर्शी बनाने की पहल करें विशेषकर चुनावी बांड से चंदा जुटाने की प्रक्रिया को दुरुस्त किया जाए।

ममता ने भी किया था ‘एक देश एक चुनाव’ का विरोध

One Country One Election: इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने भी ‘एक देश, एक चुनाव‘ का विरोध किया था। ममता ने कहा था, “मुझे आशंका है कि इस विचार की डिजाइन संविधान के मूल ढांचे को राष्ट्रपति प्रणाली में बदलने की है। संविधान समिति ने हमारे देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए संसदीय प्रणाली अपनाई थी, लेकिन ये डिजाइन राष्ट्रपति प्रणाली की ओर झुकी नजर आती है।”

क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’?

One Country One Election: ‘एक देश, एक चुनाव’ से आशय विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने से है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक साथ चुनाव 2 चरणों में करवाए जा सकते हैं। पहले चरण में लोकसभा और कुछ राज्यों की विधानसभाओं के लिए मतदान हो सकता है। दूसरे चरण में बाकी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकते हैं। अगर राज्य सरकार बीच में गिर जाती है तो दूसरी बार में अन्य राज्यों के साथ उस राज्य में दोबारा चुनाव हो सकेंगे।

Written By: Vineet Attri

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।