One Nation One Election: देश में एक ही चुनाव कराने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर एक समिति का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। यह समिति इस मुद्दे पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी कराएगी या नहीं।
जानकारी के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर के लिए बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, हो सकता है कि इस दौरान केंद्र सरकार संसद में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पेश कर दें। नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव होंगे।
वन नेशन वन इलेक्शन के पक्षधर में केंद्र
One Nation One Election: केंद्र की मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर हमेशा से पक्षधर रही है। उसका कहना है कि, आम चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होने से लाखों करोड़ों रुपये के खर्च आते हैं। अगर एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो करोड़ों रुपये की बचत होगी, जो विकास के कार्यो में लगाया जा सकता है।
केंद्र की इस कमेटी पर देश के सभी विपक्षी दल लामबंद नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि, यह संभव नहीं है। केंद्र सरकार की ये पहल पूरी तरह गलत है। हम इसके पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी समझ चुकी है कि अब उसका जनाधार कम हो रहा है जिसको देख घबराई हुई है, इस लिए तरह-तरह के फैसले ले रही है।
प्रहलाद जोशी ने समिति गठित पर क्या कहा?
अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है?…बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।
#WATCH अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है?…बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा: एक राष्ट्र, एक चुनाव पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद… pic.twitter.com/Ytmp5mF9VA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2023
वन नेशन वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है- योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “वन नेशन वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है।” हमें ये जानकर प्रसन्नता है कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए जो कमेटी बनी है उसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बनाया गया है। इस अभिनव पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ये आज की आवश्यकता है। बार-बार चुनाव विकास कार्यों में बाधा पैदा करती है। चुनाव की प्रक्रिया को कम से कम 1.5 महीने का समय लगता है। इसके लिए आवश्यक है कि लोकसभा विधानसभा और अन्य सभी प्रकार के चुनावों का हम एक साथ आयोजन करें।”
#WATCH उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "वन नेशन वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है। हमें ये जानकर प्रसन्नता है कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए जो कमेटी बनी है उसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बनाया गया है। इस अभिनव पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश की जनता… pic.twitter.com/mkFoseDkjt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2023
उद्धव गुट के अनिल देसाई ने क्या कहा ?
One Nation One Election: वहीं वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) के अनिल देसाई ने कहा,’मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है। इस तरह की बातें फैलाना ठीक नहीं है 5 राज्यों में भी चुनाव होने वाले हैं। सरकार को ये देखना चाहिए कि देश के लोग क्या चाहते हैं, उनके मत को भी ध्यान में रखना चाहिए।
आपको बता दें कि सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक लोकसभा और राज्यसभा का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें 5 बैठकें होंगी। कहा जा रहा है कि सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और महिला आरक्षण बिल भी पेश कर सकती है।
पैसों की बर्बादी से बचना
One Nation One Election: एक देश-एक चुनाव की वकालत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं। इस बिल के समर्थन के पीछे सबसे बड़ा तर्क यही दिया जा रहा है कि इससे चुनाव में खर्च होने वाले करोड़ों रुपये बचाए जा सकते हैं।
इसके पक्ष में कहा जाता है कि एक देश-एक चुनाव बिल लागू होने से देश में हर साल होने वाले चुनावों पर खर्च होने वाली भारी धनराशि बच जाएगी। बता दें कि 1951-1952 लोकसभा चुनाव में 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में 60 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि खर्च हुई थी। पीएम मोदी कह चुके हैं कि इससे देश के संसाधन बचेंगे और विकास की गति धीमी नहीं पड़ेगी।
इसके खिलाफ एक तर्क यह भी बताया जा रहा है कि इससे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच मतभेद और ज्यादा बढ़ सकता है। कहा जा रहा है कि एक देश-एक चुनाव से राष्ट्रीय पार्टियों को बड़ा फायदा पहुंच सकता है, जबकि छोटे दलों को नुकसान होने की संभावना है।
डर गई है सरकार: AAP
One Nation One Election: ‘एक देश एक चुनाव’ पर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सरकार डर गई है।आइएनडीआइए गठबंधन की पहली दो बैठकों के बाद उन्होंने एलपीजी की कीमतें 200 रुपये कम कर दीं। अब, वे संविधान में संशोधन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके बावजूद वे आगामी चुनाव हार जाएंगे।
Written By: Vineet Attri
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