Rahul Gandhi: भारत सरकार में गृहमंत्री अमित शाह ने गांधी परिवार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि कुछ लोग कहते थे कि हमें उन्हें समझना चाहिए। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगर आप अपना दिल और दिमाग़ खुला रखें, मैं कहता हूं कि अगर आपका दिल भारतीय है, तो आप समझ जाएंगे।
Rahul Gandhi: लेकिन अगर आपका दिमाग इटली का है, तो आप कभी नहीं समझ पाएंगे। गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में तीन नए आपराधिक कानून विधेयकों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे कि पहली बार मोदी सरकार में हमारे संविधान की भावना के अनुसार कानून बनाए जा रहे हैं।
Rahul Gandhi: मुझे 150 साल बाद इन तीन कानूनों को बदलने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित तीन आपराधिक कानून विधेयक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएंगे।
Rahul Gandhi: भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को पहली बार मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया गया था। आज इन तीनों विधेयकों को लोकसभा से पास कर दिया गया है। अमित शाह ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयकों के संशोधित संस्करण पेश किए।
हमने जो वादा किया वो निभाया…
Rahul Gandhi: इस दौरान अमित शाह ने बिल की कई विशेषताएं भी बताई। उन्होंने कहा, “ये तीन विधेयक संविधान की भावना को प्रदर्शित करते हैं, उन्होंने जोर देकर कहा कि तीनों कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, “हमने जो वादा किया वह पूरा किया। हमने अनुच्छेद 370 को रद्द किया। पूर्वोत्तर राज्यों में 70 फीसदी क्षेत्रों से एएफएसपीए हटा दिया। तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाया और संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया।”
पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब मोदी जी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं।
150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है।
कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें नहीं समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा।
लेकिन अगर मन ही इटली… pic.twitter.com/SuR8DtVrug
— BJP (@BJP4India) December 20, 2023
नया कानून न्याय पर आधारित
Rahul Gandhi: गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, “औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने वाले यह तीनों विधेयक मानव केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव लाने और दंड के बजाय न्याय पर आधारित है। आगे शाह ने कहा कि हमें आजादी के 75 साल बाद भी मेजेस्टी, ब्रिटिश किंगडम, द क्राउन, बैरिस्टर, रूलर जैसे अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
Written By: Vineet Attri
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