Rajasthan News: जयपुर हेरिटेज की मेयर समेत 50 पार्षदों ने दिया इस्तीफा, एडिशनल कमिश्नर के खिलाफ धरना

Rajasthan News: जयपुर के नगर निगम हेरिटेज में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से नाराज होकर महापौर मुनेश गुर्जर सहित 50 पार्षदों ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत काे भेजा है। यह पार्षद देर रात से ही निगम कार्यालय में धरने पर भी बैठे हुए हैं। महापौर मुनेश गुर्जर का आराेप है कि अतिरिक्त वर्मा ने मेरे और निगम के पार्षदों के साथ बदतमीजी करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।

इसके साथ ही वह जनता के काम और सफाई जैसे मुद्दों को लेकर लगातार काम में भी ढिलाई बरत रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में अगर सरकार ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को निलंबित नहीं किया तो मेरे साथ नगर निगम के 50 पार्षद पद से इस्तीफा देंगे। मुनेश ने 50 पार्षदों के साथ अपना इस्तीफा लिख मुख्यमंत्री को भेज दिया है।

वर्मा के हटने तक धरने पर बैठी रहूंगी-मेयर

शुक्रवार को एक बार फिर 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही। इस पर मेयर ने अतिरिक्त आयुक्त को अपने ऑफिस में आने को कहा। लेकिन वर्मा के नहीं आने पर पार्षद उनके कक्ष में गए और उन्हें जबरन मेयर के कक्ष में ले आए। इसके बाद मेयर और आयुक्त में बहस हो गई। इस पर गुस्साए पार्षदों ने आयुक्त को कमरे में बंद कर दिया। रात को धरने पर बैठी मेयर ने कहा कि आयुक्त लगातार अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मैंने वर्मा की शिकायत सीएम और मंत्री महेश जोशी से की है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार वर्मा को नहीं हटाएगी तब तक मैं यहीं धरने पर बैठी रहूंगी। बता दें कि शुक्रवार शाम 4:00 बजे बाद नगर निगम में कांग्रेसी पार्षद इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। इसके बाद पार्षद अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा के कक्ष में पहुंचे। जहां उन्होंने अस्थाई सफाई कर्मचारियों की फाइल पर साइन करने की मांग की। वर्मा ने जब पार्षदों की बात नहीं मानी। तो शाम लगभग 5:30 बजे पार्षदों ने वर्मा की महापौर मुनेश गुर्जर से शिकायत कर दी।

राजेन्द्र वर्मा क्यों नहीं कर रहे नोटशीट पर साइन

दरअसल, नगर निगम के पार्षदों को उनके इलाकों में पांच अस्थायी कर्मचारी दिए जाते हैं। इसके लिए टेंडर निकलने वाला था। पार्षदों का आरोप है कि राजेन्द्र वर्मा 15 दिनों से टेंडर नोटशीट पर साइन नहीं कर रहे हैं, जबकि क्षेत्र में मानसून को देखते हुए कर्मचारियों की आवश्यकता है। 15 दिन बाद शुक्रवार को 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही।”मैंने किसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया है, बल्कि कुछ पार्षदों ने मेरे साथ बदतमीजी की है। पार्षद जिस नोट शीट पर मेरे साइन करवाना चाहते हैं। उस पर फिलहाल कमेटी का निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में कमेटी के निर्णय के बाद ही इस पर साइन करूंगा”।

मेयर ने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा जनता के कामों को लेकर लगातार गैर-जिम्मेदाराना रवैया बरत रहे हैं। जिससे शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को जल्द से जल्द आयुक्त को निलंबित करें। बता दें कि पार्षदों को अपने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 5 अस्थायी कर्मचारी दिए जाते हैं। जिनकी नियुक्ति टेंडर प्रकिया के माध्यम से की जाती है। पार्षदों का आरोप है कि इस प्रकिया के लिए अतिरिक्त आयुक्त जरूरी दस्तावेजों पर साइन नहीं कर रहे हैं।।

Written By: Poline Barnard

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By खबर इंडिया स्टाफ