शरद पूर्णिमा: 18 साल बाद शरद पूर्णिमा पर लगने वाला है साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, जाने कब तक रहेगा सूतक काल

शरद पूर्णिमा: सूर्य ग्रहण 2023 के बाद अब आज यानी 28 अक्टूबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि के ठीक एक दिन पहले यानी 14 अक्तूबर को लगा था। आखिरी सूर्य ग्रहण के ठीक 14 दिन बाद आज शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं।

शरद पूर्णिमा: यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण आसमान से अमृत नहीं बरसेगा।

शरद पूर्णिमा:  ये आंशिक चंद्र ग्रहण रात 1.05 से शुरू होगा और 2.24 तक ग्रहण खत्म हो जाएगा। चंद्र ग्रहण होने के 9 घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है। इस कारण मंदिरों के कपाट आज शाम 4 बजे तक बंद हो जाएंगे और रात में शरद पूर्णिमा उत्सव भी नहीं मनाया जाएगा। ग्रहण खत्म होने के बाद रविवार को सुबह मंदिरों की शुद्धि होगी, फिर पट खुलेंगे।

शरद पूर्णिमा: ये ग्रहण तकरीबन 1 घंटा 19 मिनट तक रहेगा। 1.44 के आसपास चंद्रमा का 12.6 % हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढंका हुआ दिखेगा। मौसम साफ होने पर ये खगोलीय घटना पूरे भारत में देखी जा सकेगी। भारत के साथ पूरे एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका में भी ये ग्रहण दिखाई देगा।

हम कैसे देख सकते हैं चंद्र ग्रहण?

शरद पूर्णिमा: सूर्य ग्रहण की तुलना में चंद्र ग्रहण देखना सुरक्षित होता है। कोई भी व्यक्ति बिना आई प्रोटेक्शन और स्पेशल इक्विपमेंट के इसे देख सकता है। आप बिना बाइनॉकुलर्स या टेलिस्कोप के सीधे अपनी आंखों से चंद्रग्रहण देख सकते हैं।

कैसे लगता है चंद्र ग्रहण ?

शरद पूर्णिमा:  पृथ्वी और सभी दूसरे ग्रह गुरुत्वाकर्षण बल यानी ग्रेविटेशनल फोर्स की वजह से सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। सूर्य के चक्कर लगाने के दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। इस दौरान सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से चंद्र ग्रहण होता है।

चंद्र ग्रहण की घटना तभी होती है जब सूर्य, पृथ्‍वी और चंद्रमा एक सीध में हों, खगोलीय विज्ञान के अनुसार ये केवल पूर्णिमा के दिन ही संभव होता है। इसी वजह से चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दिन होते हैं।

18 साल बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण

शरद पूर्णिमा:  शरद पूर्णिमा पर 18 साल बाद चंद्र ग्रहण हो रहा है। इससे पहले 2005 में ऐसा योग बना था। मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र पर ग्रहण रहेगा। इस कारण दक्षिण और पूर्व दिशा में मौजूद राज्यों में इसका असर दिखेगा। ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक शुरू होता है, इस दौरान देवी देवताओं के मंत्रों का जप करने का विधान किया जाता है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले ही धार्मिक कामों पर पाबंदियां लग जाती हैं। इसे सूतक काल कहते हैं। जो कि शाम 4 बजे से शुरू हो रहा है। इस समय पूजा-पाठ, मंदिर दर्शन, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, व्यापार प्रारंभ जैसे शुभ काम नहीं होते। इसी कारण सूतक शुरू होते ही सभी मंदिर बंद हो जाते हैं।

शरद पूर्णिमा: चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें

1. चंद्र ग्रहण के दौरान क्रोध न करें, क्रोध करने से अगले 15 दिन आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं।
2. चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन ग्रहण न करें। साथ ही पूजा पाठ करना भी वर्जित माना जाता है।
3. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए। इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं।
4. चंद्र ग्रहण के दौरान व्यक्ति को किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है।

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें

1. चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए, जो कि दस गुना फलदायी माना जाता है।
2. चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों को दान देना चाहिए।
3. चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है।
4. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

Written By: Vineet Attri 

ये भी पढ़ें..

New Delhi: होटल में मिली कपल की लाश, पुलिस को मिला सुसाइड नोट; क्या हो सकता है कारण पढ़िए पूरी रिपोर्ट
PAK VS SA: साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान को 1 विकेट से किया पराजित, सेमीफाइनल की रेस से बाहर हुआ पाकिस्तान

By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।