America-China: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार देर रात कैलिफोर्निया में मुलाकात की। इस मुलाकात का मकसद चीन-अमेरिका में जारी तनाव को कम करना था। दोनों नेता साल भर के बाद मिले हैं। ये मुलाकात कितनी अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल शी जिनपिंग ने सिर्फ तीन विदेश दौरे किए हैं। वो पहले दौरे पर रूस, दूसरे पर साउथ अफ्रीका गए।
America-China: वो तीसरा दौरे पर अब अमेरिका में हैं। बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात सैन फ्रांसिस्को में चल रही APEC यानी एशिया-पैसेफिक इकोनॉमिक को-ऑपरेशन समिट के दौरान हुई है। दोनों नेताओं की मीटिंग के बाद चीन और अमेरिका फिर से मिलिट्री कम्युनिकेशन शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति को बताया तानाशाह!
America-China: एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के बाद एक प्रेस काफ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक बार फिर तानाशाह कह दिया। सैन फ्रांसिस्को में एक पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए बाइडेन बोले, “वह (शी जिनपिंग) एक ऐसे देश की बागडोर संभालते हैं, जो कम्युनिस्ट विचारधारा को मानता है. उनकी सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल इतर है। इसलिए मैं अपने बयान (तानाशाह) पर कायम हूं।
बाइडेन ने इससे पहले भी चीन के राष्ट्रपति को तानाशाह बताया था। उन्होंने जून 2023 में जिनपिंग को तानाशाह कहा था, जिसके बाद चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर आपत्ति जताई थी। चीन ने कहा था कि जो बाइडेन का बयान बेतुका और गैर-जिम्मेदाराना है। यह पहली बार नहीं है कि बाइडेन ने शी जिनपिंग को तानाशाह कहा है। वह इस साल की शुरुआत में भी जिनपिंग को डिक्टेटर कह चुके हैं। यह वह समय था, जब अमेरिका के आसमान में चीन का स्पाई गुब्बारा देखा गया था।
बाइडेन के बयान पर भड़का चीन
America-China: शी जिनपिंग को तानाशाह कहने के अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बयान को चीन ने पूरी तरह से गलत बताया है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि इस तरह का बयान पूरी तरह से गलत है, जिसे बहुत ही गैरजिम्मेदारी से राजनीतिक मंशा से दिया गया है। चीन इसका पुरजोर विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि मैं यह बताना चाहती हूं कि ऐसे कुछ लोग हमेशा होते हैं, जो अपने फायदे के लिए संबंधों को खराब करने की कोशिश करते हैं। वे इस तरह चीन और अमेरिका के संबंधों को नष्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे।
जिनपिंग से अच्छी बातचीत हुई: बाइडेन
America-China: बाइडेन ने मीडिया से कहा कि मेरी जिनपिंग से बहुत अच्छी बातचीत हुई है। मैंने ताइवान मुद्दे पर फिर से अमेरिका का रुख साफ करते हुए कहा कि ये कभी नहीं बदलने वाला है। मुझे लगता है कि ये सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम एक-दूसरे को समझें। यहां एक लीडर दूसरे लीडर से बात कर रहा है, इसलिए हमारे बीच कोई गलतफहमी नहीं हो सकती। हमें ये तय करना होगा कि हमारा कॉम्पिटिशन संघर्ष में न बदल जाए।
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों से लेकर यूक्रेन युद्ध, मिडिल ईस्ट में तनाव, इंडो पैसिफिक और अन्य जरूरी वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। बाइडेन और शी जिनपिंग ने मध्य पूर्व और यूक्रेन की स्थिति पर भी बात की। इसके अलावा ईरान के मुद्दे पर भी बात हुई। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग से ईरान के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए ईरान से यह कहने के लिए कहा कि वह मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमले नहीं करे।
दोनों नेता रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और उनके चीनी समकक्ष के नेतृत्व में सैन्य-से-सैन्य स्तर की वार्ता फिर से शुरू करने पर भी सहमत हुए। ताइवान के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक चर्चा हुई। इस दौरान जिनपिंग ने इसे अमेरिका-चीन संबंधों के लिए सबसे खतरनाक पहलू बताया।
जबकि बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यथास्थिति में विश्वास करता है। जिनपिंग ने कहा कि शांति अच्छी है, लेकिन कुछ बिंदु पर उन्हें मुद्दे के समाधान की ओर बढ़ने की जरूरत है। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग से ईरान के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए ईरान से यह कहने के लिए कहा कि वह मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमले न करे।
बाइडन ने शी जिनपिंग से क्या कहा?
America-China: बाइडन से बातचीत के दौरान शी जिनपिंग ने कहा, “दोनों देशों की सफलता के लिए दुनिया काफी बड़ी है।” वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि यह सबसे जरूरी है कि हम एक-दूसरे को स्पष्ट रूप से समझें, बिना किसी गलतफहमी के। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए।”
Written By: Vineet Attri
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