75वां गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर भारत के शौर्य और सांस्कृतिक दिखी विरासत की झलक

75वां गणतंत्र दिवस

75वां गणतंत्र दिवस: भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत पहली बार शंख और ढोल-नगाड़ों के साथ हुई परेड। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर आयोजित 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कर्तव्य पथ पर पहुंचीं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय समर स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कोहरे और ठंड के बीच कर्तव्‍य पथ पर लोगों की भीड़ उमड़ी है।

75वां गणतंत्र दिवस: भारत महिला सशक्‍तीकरण के भव्य प्रदर्शन के साथ…

75वां गणतंत्र दिवस: भारत महिला सशक्‍तीकरण के भव्य प्रदर्शन के साथ 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। कर्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस की परेड महिला केंद्रित होगी और ‘विकसित भारत’ और‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ मुख्य विषय है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान अपनी बढ़ती सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के भव्य प्रदर्शन के साथ 75वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने में भारत का नेतृत्व कर रही है। इस भव्य समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

75वां गणतंत्र दिवस: देश की राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में काफी कुछ नया देखने मिल रहा है। इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह महिला-केंद्रित है। इस बार की थीम भारत का लोकतंत्र और एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प है।

75वां गणतंत्र दिवस:अलग-अलग राज्यों की झांकियां आकर्षण का केंद्र बनी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब परेड की शुरुआत भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ 100 महिला कलाकारों द्वारा की गई है।”विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की मातृका” थीम के साथ, 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर 75वीं गणतंत्र दिवस परेड महिला केंद्रित हुई।

75वां गणतंत्र दिवस:इसके साथ ही परेड में पहली बार सभी महिलाओं की त्रिसेवा टुकड़ी भी मार्च करते हुए दिखाई गई ,और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की टुकड़ियों में भी महिलाकर्मी शामिल हुई। रक्षा सचिव का कहना है कि इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिला है। परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी हिस्सा लिया है।

 महिला मार्चिंग टुकड़ियां परेड का प्रमुख हिस्सा

75वां गणतंत्र दिवस: महिला मार्चिंग टुकड़ियां परेड का प्रमुख हिस्सा थी, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और केंद्रीय मंत्रालयों की अधिकांश झांकियां देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता और प्रगति का प्रदर्शन किया। एक और अनूठी पहल के तहत संस्कृति मंत्रालय कर्तव्य पथ पर ‘अनंत सूत्र – द एंडलेस थ्रेड’ कपड़ा स्थापना का प्रदर्शन किया ।इसे बाड़ों में बैठे दर्शकों के पीछे लगाया गया। ‘अनंत सूत्र’ साड़ी को एक शानदार सम्मान है, जो फैशन की दुनिया के लिए भारत का उपहार है।

75वां गणतंत्र दिवस:यह अनोखा इंस्टालेशन होगा, जो देश के हर कोने से लगभग 1,900 साड़ियों और पर्दों को प्रदर्शित करेगा, जिन्हें लकड़ी के फ्रेम के साथ ऊंचाई पर लगाया गया है।इसमें क्यूआर कोड होंगे, जिन्हें स्कैन करके इसमें इस्तेमाल की जाने वाली बुनाई और कढ़ाई के बारे में जान सकते हैं।

75वां गणतंत्र दिवस: परेड के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की कुल 16 झांकियां कर्तव्य पथ पर चली। इसमें अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना शामिल हुए।

75वां गणतंत्र दिवस: आपको बता दे परेड सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई और लगभग 90 मिनट तक चली। इस बार परेड देखने के लिए लगभग 13,000 “विशेष अतिथियों” को भी आमंत्रित किया गया है।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस की महिलाकर्मियों ने दिखाया दम

दिल्ली: कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस की महिलाकर्मी ‘नारी शक्ति’ कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं। मोटरसाइकिलों पर सवार 265 महिला बाइकर्स ने शौर्य और वीरता का प्रदर्शन किया।

 

बहादुरी एवं बलिदान को प्रदर्शित करती झांकी

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कर्तव्य पथ पर निकली एक झांकी में सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों द्वारा निभाई गई अहम भूमिका को दर्शाया गया। यह झांकी ‘राष्ट्र निर्माण: पहले भी, अब भी, आगे भी और हमेशा’ की विषय वस्तु पर आधारित थी।कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह संबंधी आधिकारिक पुस्तिका में झांकी के बारे में बताया गया कि इसके आगे के हिस्से में सशस्त्र बलों के कर्मियों के जीवन के उस प्रमुख चरण को दर्शाया गया जब उन्होंने ”हमारे देश की बहादुरी से हर कीमत पर रक्षा की।”

Written By- Poline Barnard.

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।