Atiq Ahmed: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और भाई अशरफ का शनिवार की देर रात को मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।पुलिस दोनो को मेडिकल टेस्ट के लिए प्रयागराज के कैल्विन अस्पताल ले जा रही थी।पत्रकार अतीक के साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से सवाल कर रहे थे।इसी बीच तीन हमलावर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर पर गोली मार दी,और फिर अशरफ पर फायरिंग शुरू कर दी। दोनो की मौके पर ही मौत हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: अतीक हत्याकांड की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन
Atiq Ahmed: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हत्याकांड की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। आरोपियों के नाम अरुण मौर्य निवासी कासगंज,लवलेश तिवारी निवासी बांदा और शनि निवासी हमीरपुर है। इनसे हथियार बरामद किए गए है।कांस्टेबल मान सिंह को भी गोली लगी।सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया कि “तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यहां अतीक का बेटा अली भी कैद है।”
Atiq Ahmed: दोनों भाईयों के शव को दफनाते वक्त मीडिया को रखा गया दूर
Atiq Ahmed: अतीक–अशरफ के शवों को पोस्टमार्डम के बाद कसारी–मसारी स्थित कब्रिस्तान में इस्लामिक रीति रिवाज के साथ दफनाया गया। दोनों के शवों को अतीक का बहनोई और दो रिश्तेदार लेकर पहुंचे।अतीक के दोनों छोटे बेटों को बाल सुधार गृह से लाया गया।अतीक के बेटे असद की कब्र के पास दोनो की कब्र खुदवाई गई थी।अशरफ की बेटी और पत्नी जैनब भी कब्रिस्तान में मौजूद रही।
Atiq Ahmed: कब्रिस्तान में चुनिंदा रिश्तेदारों को ही जाने की अनुमति दी गई।कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर की दूरी पर सभी आम लोगो को रोक दिया गया।मीडियाकर्मियों को भी कब्रिस्तान के बाहर तक ही जाने दिया।
कब्र पर पहली मिट्टी कौन डालता है?
Atiq Ahmed: आपको बता दें कि कब्र पर पहली मिट्टी मृतक का सबसे करीबी ही मिट्टी डालता है। पहले उम्मीद जा रही थी कि उसकी बेगम मिट्टी डालती है और अगर वो वहीं मौजूद न होतो उसके बेटे, भाई, चाचा, चाची, बहन बेटी जो भी मौजूद हो वो पहले कब्र पर मिट्टी डालता है। इसलिए अतीक की कब्र पर इसके बचे हुए सबसे बड़े बेटे ने मिट्टी डाली।
ऐसी होती हैं करीबी रिश्तेदारों की कब्रें
मुस्लिमों में आम तौर पर ऐसी परंपरा होती है कि करीबी रिश्तेदारों की कब्रें अगल–बगल में रखी जाती हैं। अमूमन लोग अपने माता–पिता की क्रब के पास की जगह को खाली रखने की कोशिश करते हैं ताकि बाद में खुद की कब्र के लिए जगह मिल सके।
Written By- Swati Singh.
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