Chauhdhary Charan Singh Birth Anniversary: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सम्मान समारोह में कहा, “वे(चौधरी चरण सिंह) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। अच्छे प्रशासक और एक महान किसान नेता थे… मैं प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पिछले 9 वर्षों में हमने बदलते भारत को देखा है। पहली बार देश के अन्नदाता किसानों ने इस बात को महसूस किया है कि किसान भी किसी सरकार के एजेंडे का हिस्सा है…”
Chauhdhary Charan Singh Birth Anniversary: 51 किसानों को ट्रैक्टर का दिया तोहफा
चौधरी चरण सिंह की जयंति के अवसर पर यूपी के सीएम ने कृषक उपहार योजना के तहत 51 किसानों को ट्रैक्टर का तोहफा दिया। आपको बता दें कि 93 किसानों को शार्टलिस्टेड किया गया था।
#WATCH उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सम्मान समारोह में कहा, “वे(चौधरी चरण सिंह) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। अच्छे प्रशासक और एक महान किसान नेता थे… मैं प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पिछले 9 वर्षों… pic.twitter.com/LdVhd8efup
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2023
RLD प्रमुख जयंत चौधरी: उनके जीवन से, उनके संघर्षों से प्रेरणा लें और उनके विचारों को…
Chauhdhary Charan Singh Birth Anniversary: RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह की जयंती है, किसान दिवस है। मैं इस अवसर पर देश के सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं जो चौधरी चरण सिंह को मानते हैं। उनके जीवन से, उनके संघर्षों से प्रेरणा लें और उनके विचारों को आगे बढ़ाएं।
Chauhdhary Charan Singh Birth Anniversary: कैसा रहा राजनीतिक जीवन?
चौधरी चरण सिंह किसानों के बड़े नेता माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। एक जुलाई 1952 को यूपी में उनके बदौलत जमींदारी प्रथा का उन्मूलन हुआ और गरीबों को अधिकार मिला। उन्होंने लेखापाल के पद का सृजन भी किया। किसानों के हित में उन्होंने 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया। वो 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 17 अप्रैल 1968 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। मध्यावधि चुनाव में उन्होंने अच्छी सफलता मिली और दुबारा 17 फ़रवरी 1970 के वे मुख्यमंत्री बने।
उसके बाद वो केन्द्र सरकार में गृहमंत्री बने तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। 1979 में वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक [नाबार्ड] की स्थापना की। 28 जुलाई 1979 को चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।
ये भी पढ़ें…