Congress: कांग्रेस विपक्ष का सरताज बनने की कोशिश में है। इसी के तहत अब वो मोदी सरकार पर कोई भी हमला करने का मौका नहीं छोड़ रही है। इसी क्रम में अब वो अडानी के जरिए मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोल रही है। अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ही गौतम अडानी की नेटवर्थ में लगातार गिरावट आ रही है। इसको लेकर ही कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मोदी सरकार को घेर रही है।
Congress: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जब भी मौका मिलता है तब ही वो कहते हुए दिखाई देते है कि मोदी सरकार केवल दो लोगों के लिए ही काम करती है और वो है मोदी के दोस्त अंबानी और अडानी। आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस मामले में हर रोज तीन सवालों की एक सीरीज शुरू की है और इसे नाम दिया है- ‘हम अडानी के हैं कौन?’
कांग्रेस ने शुरू की तीन सवालों की सीरीज
जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखते हुए कहा कि “अडानी महामेगा घोटाले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी ने हमें ‘हम अडानी के हैं कौन‘ श्रृंखला शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया है। हम आज से रोजाना 3 सवाल पीएम से करेंगे।“
इसी क्रम में उन्होंने अपने तीन सवाल पूछे हैं। इसमें उन्होंने पहला सवाल गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से संबंधित किया। दूसरे सवाल में उन्होंने पूछा कि गौतम अडानी पर ED, सीबीआई और इनकम टैक्स की ओर से क्या कार्रवाई की गई है?
Here is today's set of 3 questions for the Prime Minister, HAHK-2 (Hum Adanike Hai Kaun) so to speak. His silence is not just eloquent but also deafening.
Chuppi Todiye Pradhan Mantriji pic.twitter.com/y36R2RZXj1
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 6, 2023
Congress: इससे पहले जयराम रमेश ने एक ट्वीट किया था कि “संसद एक और दिन के लिए स्थगित हो गई क्योंकि विपक्ष पीएम से जुड़े अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहा है, जो करोड़ों भारतीयों की बचत पर कहर ढा रहा है. वहीं मोदी सरकार का कहना है कि सांसद जनता के पैसे बर्बाद कर रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों लोगों का क्या नुकसान हुआ है?”
अडानी संकट पर सरकार की तरफ से दिया वित्त मंत्री ने जवाब
अडानी संकट पर सरकार की तरफ से पहला ही बयान दिया जा चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा था कि “इस पर एजेंसियां काम कर रही हैं। रेगुलेटर आरबीआई स्वतंत्र है और उन पर निर्भर करता है वो क्या निर्णय लेते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “बाजारों को विनियमित और प्रमुख स्थिति में रखने के लिए, सेबी प्राधिकरण है और उस प्रमुख स्थिति को अक्षुण्ण रखने के लिए उसके पास साधन है। अडानी समूह के मेल्टडाउन ने देश के मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या इसकी प्रतिष्ठा को प्रभावित नहीं किया है।“
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