Adani Enterprises: रिपोर्ट पर मचा हड़कंप बैकफुट पर अडानी, FPO वापसी पर बघेल ने कसा तंज कहा-“यह भारत विरोधी है,तो भारत कौन है? क्या अडाणी भारत हैं?”

Adaani Enterprises
Adani Enterprises: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (25 जनवरी) जब से आयी है अडानी ग्रुप में हड़कंप मचा हुआ है। जानकार मानकर चल रहे है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण ही गौतम अडाणी को अपना FPO वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालंकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जबाव अडानी ने 413 पन्नों में दिया है।

छत्तीसगढ़ सीएम: क्या अडानी भारत हैं?

अब अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पहले जब हम BJP के खिलाफ बोलते थे तो हिंदू विरोधी हो जाते थे, जब PM और गृह मंत्री के खिलाफ बोलते थे तो राष्ट्रद्रोही हो जाते थे, अब इस रिपोर्ट खिलाफ बोलने पर वे कहते हैं यह भारत विरोधी है,तो भारत कौन है? क्या अडाणी भारत हैं?”

छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल: LIC और SBI का पैसा इसमे डाला जा रहा है जो चिंता का विषय

उन्होंने आगे कहा कि “मुझे आशंका है कि हम जो NPS का पैसा मांग रहे थे लगता है वे पैसे इसी में लगाए गए हैं। एक रिपोर्ट के कारण शेयर मार्केट धड़ाम से गिरा है। इतना होने के बावजूद LIC और SBI का पैसा इसमे डाला जा रहा है जो चिंता का विषय है।”

गौतम अडानी: FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं 

Adani Enterprises: अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि “इससे पहले पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।” 
उन्होंने आगे कहा कि “मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम समय पर क्रियान्वयन पर ध्यान देना जारी रखेंगे।”
अडानी ने ये भी कहा कि “बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी और बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे। हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हमारा हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा। हमारे गवर्नेंस सिद्धांतों का सबसे मजबूत सत्यापन, हमारी कई अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों से आता है।”
हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट में है क्या

25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।

अडानीग्रुप- 88 सवालों में से 68 की जानकारी पहले ही मौजूद

हिंडनबर्ग द्वारा पूछे गए 88 प्रश्नों में से यह ध्यान रखना उचित है कि 68 उन मामलों को संदर्भित करता है जो समयसमय पर मेमोरेंडम, वित्तीय विवरण और स्टॉक एक्सचेंज खुलासे की पेशकश करते हुए अपनी संबंधित वार्षिक रिपोर्ट में अदानी ग्रुप की कंपनियों द्वारा विधिवत खुलासा किया गया है. 20 में से 16 प्रश्न सार्वजनिक शेयरधारकों और उनके धन के स्रोतों से संबंधित हैं, जबकि शेष चार केवल निराधार आरोप हैं.


क्या
है हिंडनबर्ग रिसर्च?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है। हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है।

इसे कॉरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है। इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग आपदा पर आधारित है जो 1937 में हुई थी, जब एक जर्मन यात्री हवाई पोत में आग लग गई थी, जिसमें 35 लोग मारे गए थे।

कंपनी यह पता लगाती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेराफेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमेंट करके खुद को बड़ा तो नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।