Delhi liquor Scam: डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट का किया रूख, दोपहर 4 बजे होगी सुनवाई

Delhi liquor Scam: 26 फरवरी को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद अब सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी मामले पर आज सुनवाई होगी। 

Delhi liquor Scam: वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस से डिप्टी सीएम सिसोदिया के मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया था और कोर्ट ने भी उनको निराश नहीं किया। इस पर सीजेआई ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट जाना चाहिए। हालांकि वकील सिंघवी के अनुरोध पर चीफ जस्टिस ने तुरंत फैसला लेते हुए कहा हम दोपहर 4 बजे सुनवाई करेंगे।

Delhi liquor Scam: सीबीआई ने नई सिरे से सिसोदिया से शुरू की पूछताछ

सीबीआई ने दिल्ली शराब नीति मामले में नई सिरे से सिसोदिया से पूछताछ शुरू हो गई है। सीबीआई ने सिसोदिया के लिए एक लंबी सवालों की फेहरिस्त तैयार की है। ये पहली बार है जब गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया से पूछताछ की जा रही है। 

आपको बता दें कि सोमवार (26 फरवरी) को आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पांच दिन की हिरासत में भेजा दिया गया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनको पांच दिन की हिरासत में देने का अनुरोध किया था इसके बाद विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया को चार मार्च तक के लिए हिरासत में भेज का फैसला किया था।

सीबीआई की कस्टडी में सौंपते हुए जज ने आदेश में कहा था कि “वह इससे पहले भी दो मौंकों पर जांच में शामिल हुए हैं लेकिन वह पूछताछ के दौरान ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दे सके हैं और उनके अधीनस्थों के बयान के कारण उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत सामने आ चुके हैं, ऐसे में उचित और निष्पक्ष जांच के लिए यह जरूरी हो जाता है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित और वैध जवाब मिलें। इसलिए अदालत उनको पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने जा रही है।

सिसोदिया के वकील: दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद आबकारी नीति को लागू किया गया

इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के वकील ने रिमांड पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि “सिसोदिया ने अपने मोबाइल फोन बदले हैं, लेकिन यह अपराध नहीं है। दिल्ली के उपराज्यपाल से सुझाव लेने के बाद नीति लागू की गई थी और इसके लिए परामर्श की जरूरत थी, इसलिए साजिश की कोई गुंजाइश नहीं थी। सिसोदिया ने हर चीज खुली रखने की कोशिश की।”

उन्होंने कहा की “नीति लागू करने के दौरान तत्कालीन उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन सीबीआई निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है। सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।” उन्होंने आगे कहा था कि “सिसोदिया वित्त मंत्री हैं, उन्हें बजट पेश करना है। कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है। यह रिमांड से इनकार करने का एक उपयुक्त मामला है।”

सिसोदिया के वकील ने कहा कि “सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ना ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है।”

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।