G20 शिखर सम्मेलन: निमंत्रण कार्डों पर ‘इंडिया दैट इज भारत’ पर क्या बोले जयशंकर,वहीं विपक्ष ने कसा तंज

G20 शिखर सम्मेलन
G20 शिखर सम्मेलन: निमंत्रण कार्डों पर ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ का उल्लेख किए जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। विपक्ष खासकर इंडिया गठबंधन के नेता ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ को लेकर हमलावर हैं। इस विवाद पर भारत के विदेश मंत्री ने ANI से बातचीत मे अपनी राय रखी है।
G20 शिखर सम्मेलन: बता दें कि G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण कार्डों पर ‘इंडिया’ नहीं बल्कि ‘भारत’ का उल्लेख किए जाने को लेकर चल रहे विवाद पर ANI से बातचीत में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “इंडिया दैट इज भारत और यह संविधान में है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।”

G20 शिखर सम्मेलन: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के ‘संविधान में इंडिया दैट इज भारत’ लिखा है, वाले बयान पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि मैं विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को मेरे साथ आकर संविधान पढ़ने के लिए आमंत्रित करता हूं। ‘इंडिया दैट इज भारत’ अनुच्छेद 1 है। हमने उन्हें 19 जुलाई से पहले ऐसा कुछ भी कहते नहीं सुना था… 19 जुलाई वो दिन है जब INDIA गठबंधन बना था… अगर हम और संक्षिप्तीकरण करें और गठबंधन का नाम बदलकर INDIA भारत कर दें तो जयशंकर क्या करेंगे।”

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर: यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है…

G20 शिखर सम्मेलन: G-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था। वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके 2 किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो। यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें G-20 ऐसी चीज है जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए… जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी 1983 में फंसे रहना चाहिए उनका 1983 में फंसे रहने का स्वागत है।” 
G20 शिखर सम्मेलन: उन्होंने आगे कहा कि “मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है। लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है। मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है।”

सांसद संजय राउत: जब से गठबंधन का नाम INDIA रखा है तब से इन लोगों को…

G20 शिखर सम्मेलन: राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम से भेजे जाने पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा कि “यह डर है, जबसे इस देश के प्रमुख दलों ने INDIA गठबंधन बनाया, जब से हमने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखा है तब से इन लोगों को अपने देश से ही डर लगने लगा है…आप क्या-क्या बदलेंगे…यह(इंडिया) संविधान द्वारा दिया हुआ नाम है, आपको इसे बदलने का अधिकार किसने दिया?”

राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ:भारत बोलने व लिखने में क्या है दिक्कत? 

G20 शिखर सम्मेलन: राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम से भेजे जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने कहा कि “भारत बोलने व लिखने में दिक्कत क्या है? क्यों जलन हो रही है? कांग्रेस व घमंडिया गठबंधन के सभी नेता मुंबई बैठक के माध्यम से भारत, सनातन, भारतीयता, राष्ट्रवाद को योजनाबद्ध षड्यंत्र के तहत बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।”

भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर: देश का नाम भारत ही है इसमें किसी को…

G20 शिखर सम्मेलन: राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम से भेजे जाने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “देश का नाम भारत ही है इसमें किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।”

G20 शिखर सम्मेलन: क्या है मामला?

आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नौ सितंबर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।
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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।