Mahatma Gandhi International Hindi University: केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति के आदेश की अवमानना, प्रो. लेला कारूण्यकारा कर रहे है पद का दुरुपयोग

Mahatma Gandhi International Hindi University

Mahatma Gandhi International Hindi University: महाराष्ट्र के वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय कुछ दिनों से विवादों से घिरा है। पिछले दिनों  14 अगस्त 2023 को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कुलपति के पद से इस्तीफ दे दिया था। त्यागपत्र सौंपने के तत्काल बाद से ही विश्वविद्यालय में प्रशासनिक अनियमितताएँ देखने को मिल रही हैं। इसके बाद से ही कार्यकारी कुलपति का पद प्रो. लेला कारूण्यकारा को सौंपा गया था तब से ही विश्वविधालय में अनिमितताएं देखने को मिल रही है।

प्रो. शुक्ल का त्यागपत्र स्वीकार न होने के बाद भी राष्ट्रपति के फैसले की अवमानना

Mahatma Gandhi International Hindi University: माननीय राष्ट्रपति की ओर से प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल का त्यागपत्र स्वीकार ही नहीं हुआ है और उनको कार्यमुक्त नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला को विश्वविद्यालय के लेटर हैड पर जारी कार्यालयादेश से कार्यमुक्त कर देना और स्वयमेव विश्वविद्यालय के सभी शीर्ष संवैधानिक निकायों को अनदेखा करते हुए निर्णय लेना भारत की माननीया राष्ट्रपति महोदया की अवमानना ही कहलायेगी। परंतु वरिष्ठतम आचार्य प्रो. लेला कारूण्यकारा पद का दुरूपयोग करते हुए लगातार कर्मचारियों के स्थानांतरण कर व्यवस्था में अव्यवस्था उत्पन्न करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में कर्मचारियों के स्थानांतरण का ताता लग गया है।

आचार्य प्रो. लेला कारूण्यकारा ने फैसलों को ‘संघी हस्तक्षेप’ मानकर धड़ाधड़…

Mahatma Gandhi International Hindi University: आपको बता दें कि दिनांक 16 अगस्त 2023 से ही वरिष्ठतम आचार्य प्रो. लेला कारूण्यकारा ने पहले के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के लिए गए सभी फैसलों को ‘संघी हस्तक्षेप’ मानकर धड़ाधड़ उलटना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर तब से ही कुछ असामाजिक तत्व विश्वविद्यालय में ‘लाल सलाम’ के नारे बड़े जश्न के साथ लगाये जा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ दिनों से ‘लाल सलाम समूह’ संगठित एवं सुनियोजित रूप से प्रो. शुक्ल को विवादों में फ्रेम कर और फँसाकर त्यागपत्र देने के लिए विवश कर रहा था।

प्रो. रजनीश शुक्ल- कुलपति के पद पर फिर से…

Mahatma Gandhi International Hindi University:सूत्र बताते हैं कि विश्वविद्यालय के स्वयंभू कुलपति प्रो. कारूण्यकारा को इस बात का इल्म नहीं है कि इन मनमाने स्थानांतरणों के बाद यात्रा भत्ता और कर्मचारियों के स्थानांतरण में लगनेवाला सारा खर्च सरकार को ही वहन करना होगा। लेकिन, उनके व्यवहार से यह साबित हो जाता है कि उन पर कुलपति होने की सनक चढी हुई है। ऐसे में हिंदी विश्वविद्यालय भगवान भरोसे हो गया है। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि प्रो. रजनीश शुक्ल किसी भी वक्त कुलपति के पद पर बहाल हो सकते हैं।

हिंदी विश्वविद्यालय के शिक्षकों की चुप्पी पर सवाल

Mahatma Gandhi International Hindi University: ऐसे में सवाल है कि सरकारी पैसों की होली रचनेवाले इन कार्यालयादेशों का क्या होगा? हिंदी विश्वविद्यालय का शिक्षक समाज इस तरह से मौन है मानो उन्हें साँप सूंघ गया है। चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। आनेवाले समय में यह सन्नाटा क्या करवट लेगा कहना मुश्किल होता जा रहा है । संविधान की दुहाई देनेवाले प्रोफेसर संविधान की ऐसी की तैसी करने में पूरे जोश में जुटे हुये हैं। केवल प्रभार संभालने के लिए नियुक्त प्रोफेसर ऐसा फेर बदल कर भी सकता है क्या?

Mahatma Gandhi International Hindi University: विवाद है क्या?

Mahatma Gandhi International Hindi University:बता दें कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति ने आखिरकार इस्तीफा क्यों दिया था। इस्तीफे के पीछे कि वजह का जानकार खुलासा तो नहीं कर पाते लेकिन संभावना ये जताई गई कि उनका किसी महिला के साथ कथित बातचीत को लेकर विवाद पैदा हुआ था। जिसकी वजह से कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल को मजबूरन इस्तीफ देना पड़ा था।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।