PM मोदी मुंबई में सोमवार (1 अप्रैल) को RBI की 90 साल पूरे होने पर एक आयोजन किया गया जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्री निर्माला सीतारमन और RBI गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हुए। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की स्थापना केंद्रीय बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, हिल्टन यंग कमीशन के सुझावों द्वारा निर्देशित किया गया था। PM मोदी ने आरबीआई के 90 वर्ष पूरे होने पर कहा कि “जब नीयत सही होती है,तो नीति सही होती है, तो निर्णय सही होते हैं। और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं।”
Pm मोदी ने कहा कि “मैं जब 2014 में रिजर्व बैंक के 80 वें वर्ष के कार्यक्रम में आया था, तब हालात एकदम अलग थे। भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था। NPA को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में एक मजबूत और टिकाऊ प्रणाली माना जा रहा है। जो बैंकिंग सिस्टम कभी डूबने की कगार पर था, वो बैंकिंग सिस्टम अब प्रॉफिट में आ गया है और क्रेडिट में रिकॉर्ड वृद्धि दिखा रहा है।”
PM मोदी:पब्लिक सेक्टर बैंक की सेहत सुधारी
पीएम ने कहा कि “जो बैंकिंग सिस्टम डूबने की कगार पर था, आज वह बड़ा प्रॉफिट दे रहा है। यह बदलाव इसलिए आया क्योंकि हमारी नीतियों में स्पष्टता थी। जब नीति सही होती है को निर्णय सही होते हैं। संक्षेप में उन्होंने कहा – नियत सही तो नतीजे सही। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंक की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने 3.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई। सवा तीन लाख करोड़ रुपये के लोन निपटाए गए। बैंकों का ग्रॉस एनपीए 2018 में 11.25 प्रतिशत था, सितंबर 2020 आते-आते 3 प्रतिशत से भी कम हो गया। मैं इन सभी उपलब्धियों में आरबीआई की बहुत बड़ी भूमिका रही है और वह बधाई के पात्र हैं।”
#WATCH मुंबई, महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…आज देश देख रहा है, जब नीयत सही होती है, तो नीति सही होती है। जब नीति सही होती है, तो निर्णय सही होते हैं। और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं।” pic.twitter.com/8VsGoZsyav
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2024
PM मोदी: आरबीआई को मॉनिटरिंग टूल पर…
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “दुनिया के बड़े देश कोविड की मार से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई को छू रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई को मॉनिटरिंग टूल पर सोचना चाहिए। वह ग्लोबल लीडर की भूमिका निभा सकता है। अगले 10 साल के टारगेट तय करते हुए हमें भारत के युवाओं की इच्छाओं को ध्यान रखने की जरूरत है। आरबीआई की इसमें बड़ी भूमिका हो सकती है। पीएम ने कहा कि हम आज इकोनॉमी के कई क्षेत्रों में हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। रिजर्व बैंक को आगे आउट ऑफ द बॉक्स सोचना होगा। उन्होंने गवर्नर शक्तिकांत दास की तारीफ की। पीएम ने कहा कि 21 वीं सदी में इनोवेशन का बड़ा महत्व रहने वाला है। सरकार इस पर काफी खर्च कर रही है।”
3.25 लाख करोड़ रुपए लोन की हुई रिकवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “हमारी सरकार ने समस्याओं के निस्तारण, समस्याओं को जानने के लिए और पुनर्पूंजीकरण को लेकर ठोस रणनीति बनाते हुए काम किया है। सरकार ने सरकारी बैंकों में अभी तक कुल 3.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे बैंकों की स्थिति में सुधार किया जा सके। इसके अलावा गर्वनेंस से जुड़े मुद्दों पर भी रिफॉर्म किए। दिवालिया हुए 3.25 लाख करोड़ रुपए लोन की भी रिकवरी कर ली गई है।”
आरबीआई शक्तिकांत दास ने एक्स पर ट्वीट किया
भारतीय रिजर्व बैंक के 90 साल पूरे होने के स्मृति समारोह में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि “एक संस्था के रूप में RBI का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। दिवाला और दिवालियापन संहिता के अधिनियमन जैसे पथप्रदर्शक संरचनात्मक सुधार और हाल के वर्षों में लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण को अपनाने से हमें बैंकिंग प्रणाली में चुनौतियों से निपटने और मूल्य स्थिरता को अधिक प्रभावी ढंग से बनाए रखने के कार्य में मदद मिली है। आज की दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों को देखते हुए। रिजर्व बैंक लगातार उभरते रुझानों का मूल्यांकन कर रहा है और बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए आवश्यक नीतिगत कदम उठा रहा है।”
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन: इस प्रकार हुआ अर्थव्यवस्था में विश्वास पैदा
भारतीय रिज़र्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ”बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने संचार नीति का उपयोग करके मुद्रास्फीति की उम्मीदों को नियंत्रित करने में RBI द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया है। आगे के मार्गदर्शन के अलावा, इसका (संचार नीति) आरबीआई द्वारा उठाए गए उपायों के औचित्य को समझाने के लिए किया गया था। इस प्रकार, अर्थव्यवस्था में विश्वास पैदा हुआ। BIS ने कहा, महामारी के दौरान आशावाद बरकरार रहा है।”
Written By- Swati Singh.
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