Raisina Dialogue 2023: दिल्ली में हो रहे रायसीना डायलॉग 2023 के 8वें संस्करण में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों के मंत्री पेनी वोंग शामिल हुए।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन: अमेरिका कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के पक्ष में लेकिन रूस नहीं…
Raisina Dialogue 2023: दिल्ली में रायसीना डायलॉग 2023 के 8वें संस्करण में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि “अमेरिका कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन की मदद करने और युद्ध को समाप्त करने के पक्ष में है। परन्तु राष्ट्रपति पुतिन ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उनका कहना है कि इसमें बात करने लायक कुछ भी नहीं है।”
अगर हम रूस को यह करने की अनुमति देते हैं जो वे यूक्रेन में कर रहे हैं तो यह दुनिया के बाकी देशों को यह संदेश देगा कि वो भी ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि रूसी आक्रामकता के कारण यूक्रेन में क्या हो रहा है, इस पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
Raisina Dialogue 2023: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन को दी नसीहत
दिल्ली में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन “अगर चीन रूस को घातक सैन्य सहायता उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है तो ये चिंता का विषय है। इस मुद्दे पर बहुत से साथी देशों ने अपनी चिंता जताई है।”
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन बहुपक्षीय प्रणाली के सामने कई चुनौतियां हैं, कई तरीके से ये चुनौतियां रूस के कारण हैं। रूस बहुपक्षीय प्रणाली के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है। UNSC में देखने को मिलता है कि 2 देश ऐसे हैं जो कुछ महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों पर बात नहीं होने देते।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग: भारत के बिना इंडो पैसिफिक का कोई पुनर्निर्धारण
इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि “भारत के बिना इंडो पैसिफिक का कोई पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता है। हमने देखा है कि भारत एक सभ्यतागत शक्ति है जो इस समय की कुछ चुनौतियों के लिए अलग दृष्टिकोण लेकर आती है।”
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर: आपूर्ति श्रृंखला को अधिक विश्वसनीय बनाना भारत का लक्ष्य
Raisina Dialogue 2023: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि “भारत का मानना है कि हम एक दूसरे के साथ जितना काम करेंगे, उतनी संभावनाएं सामने आएंगी और मुझे लगता है कि अभी आपूर्ति श्रृंखला को अधिक विश्वसनीय बनाना भारत का लक्ष्य होना चाहिए”
ये भी पढ़ें…