SCO Meeting: एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का SCO बैठक में दूर से ही नमस्ते कहकर स्वागत किया। दोनों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई। बिलावल भुट्टो-जरदारी शंघाई सहयोग संगठन के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को गोवा पहुंचे और इसके साथ ही वह करीब 12 साल में भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री बन गए। यह 2011 के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारत में पहली ऐसी उच्च स्तरीय यात्रा है।
SCO Meeting: बिलावल शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के गोवा पहुंचे। पाकिस्तान इस यात्रा को लेकर दुनियाभर में अपनी उदार छवि को पेश करने में जुटा हुआ है। खुद बिलावल ने वीडियो जारी कर कहा कि उनकी भारत यात्रा का मकसद यह दिखाना है कि पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
#WATCH गोवा: विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने पणजी में विदेश मंत्रियों की SCO परिषद की बैठक के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का स्वागत किया। pic.twitter.com/xnTRQ6mXDg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 5, 2023
SCO Meeting: वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम न लेते हुए संदेश दिया कि आतंकवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है। इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए। आतंकवाद का मुकाबला करना SCO के मूल जनादेशों में से एक है….
SCO Meeting: भारत हमेशा से कहता आया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती। भारत की ओर से हमेशा से संदेश दिया जाता है कि आप जब तक आतंकियों को पालेंगे पोसेंगे तब तक किसी भी स्तर पर बात नहीं हो सकती। पाकिस्तान को ये बात कभी समझ ही नहीं आयी कि जब तक कि वो हर अंतरराष्ट्रीय पटल पर कश्मीर राग अलापता है तब तक एक साथ एक टेवल पर द्विपक्षीय बार्ता के लिए नहीं बैठ सकते। एक तरफ तो पाकिस्तान गले लगाने की बात करता है और दूसरी तरफ पीठ पीछे खंजर घोपने से भी बाज नहीं आता।
SCO Meeting: एक तरफ तो पाकिस्तान दिखाना चाहता है कि वो द्विपक्षीय वार्ता का कितना बड़ा समर्थक है और एक तरफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से आतंकियों को लांचिग पैड पर रहने देता है और जरूरत पड़ने पर सेना दहशतगर्दों को परिक्षण भी देती है। पाकिस्तान की सेना बार्डर पर उकसाने की कार्यवाही करते हुए बिना किसी बात के गोलीबारी करती है जिससे कि आतंकियों को भारत में प्रवेश करवा पाए, लेकिन हमारे तेज-तर्रार जवानों के कारण उनकी हर नापाक नाकाम हो जाती है। इस गोलबारी में कई बार हमारे सैनिको कि शहादत भी हो जाती है। कई बार तो भारत की सीमा में प्रवेश करवाने के लिए पाकिस्तान के जवान आतंकियों के साथ खुद सीमा पर आते है। भारत के जावाज जवानों और अफसरों के चौकन्ने रवय्ये के कारण ही पाकिस्तान को हर बार मुंह की खानी पड़ती है। ये तो रही पाकिस्तान की भारत में आतंक को फैलाने की लंबी दास्तान।
भारत ने हर बार पाकिस्तान के द्विपक्षीय वार्ता के प्रस्ताव को ठुकराया है कि पहले अपनी नापाक हरकतों को बंद करें तब ही वार्ता संभव है। आपको बता दें कि भारत ने संघाई काॅरपोरेशन आर्गनाइजेशन (SCO) के तहत पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भाग लेने के लिए आमंत्रण भेजा था जिसको पाकिस्तान ने सहर्ष स्वीकार करते हुए भारत आए है, लेकिन दोनों विदेश मंत्रियों का जब आमना-सामना हुआ तब दोनों ही विदेश मंत्रियों के बीच में काफी तनाव दिखा। बिलावल भुट्टों तो गले मिलना चाहते लेकिन भारत के विदेश मंत्री ने दूर से हाथ जोड़ते हुए उन्हों एहसास करा दिया कि आप अभी तक बदले नहीं है। आप जब भी मौका मिलता है तब ही अतरराष्ट्रीय पटल पर कश्मीर राग अलापते है औऱ जब भी मौका मिलता है आतंकवादियों को भारत में भेजने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते ….
SCO Meeting: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पहली भारत यात्रा पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। यह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है। बिलावल से पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी।
हालांकि, अब बिलावल की भारत यात्रा के असली मकसद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद समेत कई मुद्दों को लेकर बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री की एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने के कई छिपे हुए कारण हैं। उन्होंने बताया कि संभवत: चीन चाहता था कि पाकिस्तान वहां रहे। ऐसे में पाकिस्तान अपने सबसे करीबी सहयोगी को नकार नहीं सका। वह भी ऐसे समय में जब पाकिस्तान को चीन की सबसे ज्यादा जरूरत है।
SCO Meeting: चीन और पाकिस्तान के बीच सीपीईसी में भ्रष्टाचार, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले और स्थानीय कानून में फंसाने को लेकर विवाद चल रहा है। पाकिस्तान आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, जिसमें उससे सबसे ज्यादा मदद चीन से ही मिलने की उम्मीद है।
वहीं यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों के बाद पाकिस्तान के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इसको बैलेंस करने के लिए पाकिस्तान रूस से तेल को खरीद रहा है। एससीओ की बैठक में पाकिस्तान को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को प्यार दिखाने और पुचकारने का भी मौका मिल जाएगा। ऐसी संभावना है कि बिलावल भुट्टो जरदारी चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ एससीओ बैठक के इतर द्विपक्षीय बैठक भी कर सकते है। यही कारण है कि पाकिस्तान को एससीओ बैठक में हिस्सा लेने में नुकसान से ज्यादा फायदा दिखाई दे रहा है।
SCO Meeting: एक और बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत यात्रा को लेकर पाकिस्तान में राजनीति गरमा गई है। पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने बिलावल पर भारत के साथ दोस्ती करने का आरोप लगाया है। इमरान खान के करीबी समझे जाने वाले पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर जहर उगला है।
SCO Meeting: उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान में व्यापार फायदेमंद हैं, लेकिन इसे बाकी मुद्दों से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने बिलावल को भारत के खिलाफ मामलों को उठाने की सलाह भी दी वहीं, पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उम्मीद है कि बिलावल भुट्टो मौका नहीं चूकेंगे और भारत के सामने सभी मुद्दे उठाएंगे। हालांकि, उन्होंने खुद कहा कि एससीओ की बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों को नहीं उठाया जा सकता है। इसके बावजूद पाकिस्तान के विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो को उकसा रहे हैं।
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