Gujarat Election: गुजरात में विधानसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका है। जब भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो सभी को चौंका दिया। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं भाजपा शुरू से ही चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। भाजपा की जारी सूची में कई बड़े कद्दावर नेताओं के नाम गायब थे। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का टिकट कट गया। गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल का टिकट कट गया। कई पूर्व मंत्रियों का टिकट कटा और तो और इन सब को मिलाकर तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा तत्कालीन विधायकों के टिकट भाजपा ने काट दिए।
सच ये है, कि भाजपा ने विधानसभा उम्मीदवारों सूची गुरुवार को ही जारी की हो लेकिन इसकी पटकथा 14 महीने पहले ही गांधीनगर में लिखी जा चुकी थी। जब देश के गृह मंत्री अमित शाह और तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी एक निजी कार्यक्रम में मिले थे। उसके बाद से ही केंद्रीय नेताओं ने मिलकर 2022 के चुनावों की नींव तैयार करने के लिए गुजरात की तरफ दौड़ लगाना शुरू कर दिया था।
Gujarat Election: गुजरात के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है, कि भाजपा ने 2021 में जब मुख्यमंत्री से लेकर पूरी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया, तो पार्टी ने जातिगत समीकरणों के आधार पर अपने मंत्रिमंडल में उन सभी लोगों को सेट भी किया, जिनके आधार पर 2022 के चुनाव में संदेश दिया जाना था। राजनीतिक विश्लेषक हरीश भट्ट कहते हैं, कि 2017 में जब भाजपा ने सरकार बनाई, तो गुजरात के जातिगत समीकरणों को साधते हुए मंत्रिमंडल का बंटवारा किया।
कई अंदरूनी कारणों और आंतरिक सर्वे के बाद जब भाजपा ने 2021 में मुख्यमंत्री से लेकर पूरी कैबिनेट को बदल दिया, तो अंदेशा लगाया जा रहा था कि कहीं ऐसा तो नहीं 2022 में जातिगत समुदायों में नाराजगी हो और इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़े। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने 2021 सितंबर में हुए बड़े फेरबदल के बाद पूरी कैबिनेट को उसी आधार पर तैयार किया, जो कि 2022 के चुनावों में बेहतर परिणाम दे सके।
गुजरात के राजनितित जानकारों का कहना है, कि सरकार के नुमाइंदे बदलने से ही 2022 में भाजपा की राह आसान होती नहीं दिख रही थी। यही वजह रही कि भाजपा ने सितंबर 2021 में ही मन बना लिया था कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में इस कैबिनेट के बड़े-बड़े दिग्गजों को मैदान से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना ये भी है, कि ऐसा करना खासतौर से गुजरात जैसे राजनीतिक प्रयोगशाला वाले राज्य में किसी बड़े राजनीतिक खतरे से कम नहीं था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उस पर काम करना शुरू कर दिया था।
Gujarat Election: कुछ जानकारों का कहना है, कि बीते चौदह महीने के लिए ग्राउंड वर्क और होमवर्क की बदौलत ही गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों से लेकर दर्जनों विधायकों के टिकट काट दिए गए। आगे ये भी कहा,कि भाजपा में चुनाव व्यक्ति नहीं, बल्कि कमल का फूल ही चुनाव लड़ता है और वही मैदान में होता है।