Javagal Srinath: भारतीय टीम के इस खिलाड़ी का कैसा रहा इंटरनेशनल क्रिकेट करियर, गेंदबाजी में रचा था इतिहास

Javagal Srinath: भारतीय टीम में हमेशा से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों की भरमार रही है। लेकिन समय-समय पर तेज गेंदबाजों ने भी अपनी बॉलिंग की अमिट छाप छोड़ी है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में झांके तो ऐसा ही एक नाम जवागल श्रीनाथ के रूप में सामने आता है। जिन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी के साथ-साथ सटीक लाइन लेंथ के साथ गेंदबाजी करने के लिए जाना जाता है।

Javagal Srinath: कपिल देव के बाद खेला पहला घरेलू मैच

1991-92 के दौरे के दौरान गाबा में पदार्पण करते हुए, श्रीनाथ ने किसी भी सतह से तीव्र उछाल के साथ-साथ अत्यधिक गति उत्पन्न करने की अपनी क्षमता से सभी को प्रभावित किया। कपिल देव और मनोज प्रभाकर के अच्छी तरह से स्थापित होने के कारण, श्रीनाथ को अक्सर भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में तीसरे तेज गेंदबाज बनने से वंचित कर दिया गया और इसके कारण उन्हें कई घरेलू टेस्टों से चूकना पड़ा। वास्तव में उन्होंने अपना पहला घरेलू टेस्ट कपिल देव के संन्यास के बाद 1994 के अंत में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था।

श्रीनाथ ने ग्रांट फ्लावर की निकलवा दी थी चीख

श्रीनाथ के बारे में एक कहानी विश्वप्रसिद्ध है। ये बात है साल की 1997 जब भारत और जिम्बाब्वे के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। मैच शुरू होते ही इस मैच के बारे में एलिस्टेयर कैंपबेल ने बातचीत करते हुए कहा था कि, मेरे हिसाब से आज श्रीनाथ सबसे तेज गति से गेंदबाजी करेंगे। बोलैंड बैंक पार्क में खेले जा रहे इस मुकाबले में श्रीनाथ अपनी टीम के लिए तेज गेंदबाजी की अगुवाई कर रहे थे।

उस दौरान वह डोनाल्ड के अपेक्षा कही अधिक गति से गेंदे डाल रहे थे। उस समय कैंपबेल ने कहा था कि, तेजतर्रार गति से गेंदबाजी करना एक गेंदबाज के लिए सच में बड़ी उपलब्धि होती है। उस मुकाबले में श्रीनाथ डोनाल्ड से 10 किमी प्रति घंटे की अधिक गति से गेंदबाजी कर रहे थे। मैच के दौरान जब उनकी एक गेंद ग्रांट फ्लावर के थाई पैड से टकराई तो उनकी चीख निकल गई थी। उस समय ग्रांट फ्लावर को लगा था कि शायद मेरा पैर टूट गया है।

श्रीनाथ को मिल चुका है अर्जुन पुरस्कार

श्रीनाथ ने 2003 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल तक अपनी अच्छी फॉर्म जारी रखी, जहां उन्होंने धैर्य खो दिया और अपने 10 ओवरों में 87 रन दिए। उन्होंने टूर्नामेंट के बाद तुरंत अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की। श्रीनाथ को 1999 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद, श्रीनाथ ने टीवी कमेंटेटर के रूप में काम किया और बाद में आईसीसी मैच रेफरी पैनल के सदस्य बन गए। नवंबर, 2010 में, जवागल श्रीनाथ अनिल कुंबले की टीम के हिस्से के रूप में कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) के चुनावों में खड़े हुए और पूर्व अंपायर, एवी जयप्रकाश को हराकर शीर्ष निकाय के सचिव चुने गए।

श्रीनाथ खेल चुके 4 आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप

जवागल श्रीनाथ ने अपने करियर में 4 आईसीसी वनडे विश्व कप खेल चुके है। उन्होंने वर्ष 1992, 1996, 1999 और 2003 में खेले गए वन डे विश्व कप में हिस्सा लिया था। इन विश्व कप में श्रीनाथ के नाम पर 44 विकेट दर्ज हैं, जो किसी भारतीय गेंदबाज के सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड है। बाद में जहीर खान ने भी 44 विकेट पूरे कर उनके इस रिकॉर्ड की बराबरी की लेकिन तोड़ नहीं पाए।

श्रीनाथ का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर

श्रीनाथ ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में भारतीय टीम के लिए कुल 67 टेस्ट और 229 वनडे मुकाबले खेले है। श्रीनाथ ने 67 टेस्ट मैचों में 14.21 औसत से 1009 रन बनाए है। टेस्ट मैच में इनका टॉप स्कोर 76 रन रहा है। जबकि 229 वनडे में 10.63 की औसत से 883 रन बनाए है। वनडे में श्रीनाथ का टॉप स्कोर 53 रन रहा है। श्रीनाथ को टेस्ट में 236 सफलता हाथ लगी है जबकि वन डे में 318 सफलता मिली थी। श्रीनाथ ने टेस्ट मैच की 10 पारियों में 5 विकेट प्राप्त किए थे। जबकि वन डे में ये कारनामा उन्होंने 3 बार किया था। एक मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा भी श्रीनाथ ने टेस्ट मैच में 1 बार कर रखा है।

Written By: Vineet Attri 

ये भी पढ़ें..

Bhajan Lal Sharma: राजस्थान के सीएम पहुंचे अयोध्या, कैबिनेट संग किए रामलला के दर्शन

By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।