खरगोन हिंसा: एमपी के खरगोन मे रामनवमी के जुलूस के दौरान शांतिदूतों ने जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने रामभक्तों के ऊपर छत से पत्थर फैंके थे और जमकर लाठियां भांजी थी। इसके बाद रामभक्त और विशेष संप्रदाय के लोग आपस में भिड़ गए। पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला और तालाब चौक, गौशाला मार्ग, मोतीपुरा, स्टेडियम के पीछे, टावर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया था। जिसके बाद सीएम शिवराज सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए खरगोन हिंसा के दोषियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया था। इस मामले को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने घटना की निंदा करते हुए आरोपियों पर हुई कार्रवाई को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है।
मुसलनामों के घर तोड़ने से भड़के ओवैसी
शिवराज सिंह के आदेश पर मुसलमानों के घर तोड़ने से ओवैसी भड़क गए और निंदा करते हुए कहा कि मुस्लिमों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को भूलना नहीं चाहिए वे एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं। प्रदेश की जनता के जान माल की रक्षा करना आपकी जिम्मेदारी है।
सत्ता के नशे में चूर होकर वे गरीबों के आशियाने उजाड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश में कानून पर भीड़तंत्र हावी है।शिवराज सिंह की मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले करने की विचारधारा सही नहीं है। वे न भूलें कि आज उनकी सरकार है कल नहीं रहेगी।
सत्ता के नशे में शरसार होकर और क़ानून को बलाए-ताक़ रख कर जो आप ग़रीबों के आशियाने उजाड़ रहे हो, याद रखो! आज सरकार आपकी है, कल नहीं होगी। 2/2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 11, 2022
दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह पर साधा निशाना
खरगोन हिंसा को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि क्या खरगोन प्रशासन ने लाठी-तलवार जैसे हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी?
क्या जिन्होंने पत्थर फेंके, चाहे जिस धर्म के हों, सभी के घर पर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष होकर सरकार चलाने की शपथ ली है। भारतीय संविधान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। धर्म देख कर शिवराज जी कार्रवाई करना असंवैधानिक है।
मैं मूल रूप से बिना नोटिस बिना किसी को सुनें कार्रवाई के खिलाफ हूं। क्या भारत के किसी कानून या नियम में इस बुलडोजर संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको गैरकानूनी तरीके से बुलडोजर चलाना ही है, तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो न करें।
मैं मूल रूप से बिना नोटिस बिना किसी को सुनें कार्रवाई के खिलाफ हूँ। क्या भारत के किसी क़ानून या नियम में इस बुलडोज़र संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से बुलडोज़र चलाना ही है तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो ना करें।
3/n @INCMP @ChouhanShivraj— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 12, 2022
वहीं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ओवैसी के बयान पर कहा कि पत्थरबाजी का विरोध किसी ने नहीं किया, लेकिन आरोपियों पर कार्रवाई होने के बाद उनका पक्ष लेने के लिए बयान दिए जा रहे हैं।
ओवैसी का आरोप: पुलिस का आशीर्वाद हिंदूओं के साथ
इससे पहले ओवैसी ने रामनवमी की हिंसा पर कहा था कि पुलिस के संरक्षण में हिंदूओं ने हिंसा को भड़काया था। और कई जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के लिए रामनवमी यात्राओं का इस्तेमाल किया गया।
आपको बता दें कि हिंसा और बवाल के घटनाक्रम पर एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने करीब 84 लोगों को पकड़ा। खरगोन में 50 दंगाइयों के घरों की पहचान हुई है जिसमें 10 के मकानों पर बुलडोजर चला है। वहीं बड़वानी में भी उपद्रवियों के मकान की पहचान होने के बाद 4 आरोपियों के मकानों को ध्वस्त किया गया और 40 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।