Rahul Gandhi: काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ED के दफ्तर पहुँचे, नेशनल हेराल्ड मामले में तीन घंटे हुई पूछताछ

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi: 13 जून सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और उनकी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा नेशनल हेराल्ड मामले में ED दफ्तर पहुँच गए है। उनसे ED नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ कर रही थी और अब राहुल गाँधी से पूछताछ हुई है, तीन घंटे तक चली पूछताछ में राहुल गाँधी से नेशनल हेराल्ड मामले में कई सवाल पूछे गए और हो सकता है कि अभी आगे भी ED पूछताछ कतर सकती हैं। राहुल गाँधी को ED के द्वारा बुलाए जाने पर काँग्रेस के नेता दिल्ली में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।

Rahul Gandhi: वहीं काँग्रस के नेता और काँग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली में जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यकर्ता पोस्टर लेकर पहुँचे हैं उसमें सिखा है ‘सत्यमेव जयते’ … काँग्रेस के बड़े नेताओं को डिटैंड कर लिया गया हैं। काँग्रेस नेता हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल, दीपेंद्र एस हुड्डा, सीएम अशोक गहलोत और अधीर रंजन चौधरी को दिल्ली पुलिस ने डिटैंड कर लिया गया हैं।

वहीं काँग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने तुगलक रोड पुलिस स्टेशन पहुंचकर ‘सत्याग्रह मार्च’ के दौरान हिरासत में लिए गए पार्टी के नेताओं से मुलाकात की। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ED कार्यालय पूछताछ चल रही है।

कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नेशनल हेराल्ड मामले में ED  के सामने राहुल गाँधी के सामने पेश होने को लेकर कहा कि ‘कायर मोदी सरकार हमें गिरफ्तार करे और हमें आजीवन कारावास दे पर अंग्रेज भी हारा था और मोदी भी हारेगा।’ 

उन्होंने आगे कहा कि गोडसे के वंसज एक बार फिर गांधी को डराने चले हैं, ना महात्मा गांधी डरे थे और ना उनके उत्तराधिकारी डरेंगे। अगर इस देश में अखबार के पत्रकारों की तनख्वाह देना, हाउस टैक्स देना, बिजली का बिल देना अपराध है तो हम ये अपराध बार-बार करेंगे।

वहीं भाजपा की नेता एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी पर हमला करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के समर्थन में कांग्रेस आज उतरी है। जो जेल से बेल पर हैं उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरो एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए…कांग्रेस शासित मंत्रियों को आमंत्रित किया गया। एजेंसी पर इस तरह से दबाव डालने को आप क्या नाम देंगे।

उन्होंने आगे कहा कि एक कंपनी जो 1930 में गठित होती है उसका नाम एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड। जिस पर अब गांधी परिवार का कब्ज़ा है। इस अखबार के प्रकाशन के लिए एक ही परिवार को शेयर होल्डिंग दी गई और ये एक ही परिवार को इसलिए दी गई ताकि वे प्रकाशन न करें बल्कि रियल स्टेट का बिजनेस करें।

स्मृति इरानी ने ये भी कहा कि ‘2008 में इस कंपनी ने अपने ऊपर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ा लिया था और फैसला किया कि अब ये कंपनी प्रोपर्टी के बिजनेस में उतरेगी। 2010 में 5 लाख रूपए से यंग इंडिया नाम की कंपनी बनी और राहुल गांधी इसमें निदेशक के रूप में इसमें सम्मिलित हुए।’ और साथ ही उन्होंने कहा कि ‘75% मात्र उनकी हिस्सेदारी थी बाकी उनकी माता जी के पास, मोती लाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडीज़ जैसे नेताओं के पास थी।’

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।