Mathura:आपने मथुरा में निधिवन, बांके बिहारी मंदिर और गोवर्धन की प्रक्रिमा के बारे में तो बहुत सुना होगा इन सब में एक बात काॅमन है वो है कि सब कृष्ण भक्त बंदरों के उत्पात से बहुत परेशान है। वहां जाने वाले भक्तों में पुरूष हो, महिलाएं हो या फिर बच्चे उनसे उनकी अमुल्य वस्तुएं छीन कर ले जाते है।
Mathura: बंदर तब तक उन वस्तुओं को वापस नहीं देते जब तक उनको खाने के लिए चीजे नहीं मिल जाती है… जैसे भूने हुए चने, खाने के लिए केले और साथ ही पीने के लिए फ्रूटी भी देने पड़ती है तब जाकर वानरराज आपको आपके सामान को वापस लौटाएंगे और अगर आपने उनके खाने को ये चीजे नहीं दी तो आपके चश्में को, आपके मोबाइल को तोड़ सकते है। इसलिए हम तो ये ही कहेंगे कि एसी स्थिति में आप वानरराज को नाराज करने की गुश्ताखी कदापि न करें।
बंदरों के लिए आम आदमी हो या खास आदमी सबके लिए उनका रवैय्या एक जैसा ही रहता है। मथुरा के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सुरक्षा में तैनात था दरोगा और तब ही बंदर उनकी टोपी लेकर भाग गया। यह देख मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई।
Mathura: दरोगा और वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी बंदर से टोपी छुड़ाने के प्रयास में जुट गए। उसको काफी लालच दिया गया उसको खाने के लिए भूने हुए चनों के साथ खाने के लिए केले दिए गए तब जाकर बंदर ने उनकी टोपी उनको वापस कर की, जिसके बाद दरोगा ने अपनी टोपी संभाली और ड्यूटी स्थल पर वापस चले गए।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले डीएम नवनीत चहल भी बांके बिहारी मंदिर का निरिक्षण करने पहुँचे थे उनके साथ भी बंदर ने दोरगा जैसा ही सलूक कर दिया बस फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार डीएम साहब का चश्मा ले उड़ा।
Mathura: डीएम का चश्मा लेकर भागते हुए बंदर के पीछे वहां तैनात पुलिस कर्मी दौड़ पड़े, लेकिन बंदर की फुर्ती के आगे सब पस्त हो गए और फिर वहीं हुआ जिसका डर था उनको भी बंदर के आगे नतमस्तक होना पड़ा।
उनकों भी बंदर को खाने के लिए चीजे और पीने के लिए फ्रूटी देने पड़ी थी तब जाकर बंदर ने उनके चश्में को वापस किया था। इसलिए हम तो ये ही कहेंगे कि जब भी आप मथुरा जाए तो बंदरों से थोड़ा सावधान रहे… जिससे आपकी बहुमुल्य वस्तुओं सुरक्षित रह सकें औऱ जब भी आप वहां जाए तो बंदरों के लिए खाने की वस्तुएं जरूर साथ लेकर जाएं।
ये भी पढ़े…