Jharkhand: झारखंड के दुमका में अंकिता की मौत के बाद माहौल सुलग उठा है क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है लगातार बजरंग दल और हिंदुओं की तरफ से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद झारखंड सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठी है और यह झारखंड का पहला मामला नहीं है लेकिन झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर बार सिर्फ कड़ी कार्यवाही का हवाला देकर मामले को ही रफा दफा कर देते हैं।
Jharkhand: शाहरुख ने अंकिता को जिंदा जलाकर उसे मौत के घाट उतार दिया लेकिन अभी भी परिजनों को शाहरुख के बड़े भाई की ओर से लगातार धमकी दी जा रही है और इस घटना से पहले भी अपने परिजनों को अंकिता ने बताया था कि उसे शाहरुख की तरफ से धमकी दी जा रही है। अब इस घटना से डरे हुए परिजनों ने सुरक्षा की मांग की है।
Jharkhand: एसडीओ महेश्वर महतो ने अंकिता की मौत के बाद दुमका में प्रदर्शन और तेज होने की आशंकाओं के मद्देनजर अगले आदेश तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत 5 या उससे अधिक लोगों का जमावड़ा पूर्णतः निषेद्य रहेगा। बिना किसी अनुमति के किसी भी प्रकार का धरना–प्रदर्शन, सार्वजनिक रूप से सामूहिक भोज, जूलूस और रैली का आयोजन प्रतिबंधित रहेगा।
Jharkhand: बता दें कि झारखंड के दुमका में अंकिता के ऊपर हमला मंगलवार (23 अगस्त) की सुबह हुआ था। अंकिता ने मरने से पहले पुलिस को बताया था कि शाहरुख उसे आए दिन तंग करता था। उसे दोस्ती के लिए कहता था। लेकिन अंकिता ने जब बात नहीं मानी तो उसने उसे जान से मारने की धमकी दी। अधिकारियों ने अंकिता और उसके परिजनों के बयान के बाद घटना वाले दिन ही शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया था।
वो लड़ सकती थी, वो लड़ी भी, उसने हार नही मानी !
वो जाते जाते भी कुछ संदेश देकर जाना चाहती थी !
वह संदेश क्या था ?
क्या आप तक वह संदेश पहुंचा?
क्या आपको नहीं लगता की आज इसकी बारी थी कल किसी और की भी हो सकती है?#JusticeForAnkitapic.twitter.com/ESv6S2wabL— Ritesh Kashyap (@meriteshkashyap) August 28, 2022
Jharkhand: वहीं गिरफ्तारी के दौरान शाहरुख की एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमे वो मुस्कुराता हुआ आराम से पुलिस के साथ जा रहा है शाहरुख के चेहरे की मुस्कुराहट सिर्फ मुस्कुराहट ही नहीं बल्कि राज्य सरकार पर सवाल खड़े करती है।
मासूम छात्रा अंकिता को ज़िंदा जला कर मार डालने वाला ये दरिंदा है शाहरुख़, झारखंड की बजाए यही UP में होता तो अब तक इसकी चाल भी बदल गई होती और अंदाज भी, लानत है झारखंड की निकृष्ट सरकार पर !! pic.twitter.com/jlzz1ullfS
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 29, 2022
दुमका की पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका की बेटी जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन सत्ता पक्ष के किसी विधायक या नेता ने पीड़ित परिवार से मिलना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने शाहरुख हुसैन को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से सजा दिलाने की मांग की।
सिरफिरे आशिक के एक तरफा प्यार की शिकार हुई अंकिता पढ़ाई में काफी तेज थी। उसने मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और उसे 60 फीसदी अंक मिले थे।
फिलहाल अंकिता प्लस टू गर्ल्स हाइस्कूल में पढ़ाई कर रही थी। अंकिता के बारे में उसकी दादी ने कहा कि घर की खुशियां अंकिता के साथ ही चली गयी और वो अपने भविष्य को लेकर काफी सजग थी।
लेकिन दुखद ये कि नटखट चुलबुली अंकिता अपने साथ ही घर की सारी खुशियां ले गयी। अंकिता की दादी विमला देवी ने बताया कि उसके दुनिया से जाते ही घर सूना हो गया है। तीन भाई- बहनों में मझली थी।
पिता संजीव सिंह एक किराना की दुकान पर काम करते हैं। यही कारण था कि अंकिता अपने पिता के लिए कुछ करना चाहती थी और उनका सहारा बनना चाहती थी।
वह हमेशा पढ़ाई लिखाई पूरी कर नौकरी की बात कहती थी ताकि, परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
अंकिता के दादा अनिल सिंह बिलखते हुए कहते हैं कि शाहरुख ने जिस तरह से पोती पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला कर उसकी हत्या की है उसके लिए उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। वे उसे भी उसी तरह तड़प कर मरते देखना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि वह शराब के नशे की हालत में हमेशा अंकिता को परेशान करता था। अंकिता की सहेली से फोन नंबर लेकर उसे फोन पर आये दिन तंग किया करता था और उसे रास्ते में चलते फिरते भी परेशान किया करता था।
घटना के एक दिन से पहले शाम में भी शाहरुख ने अंकिता को जान से मार देने की धमकी दी थी। उससे कुछ घंटे के बाद सोये हालत में आरोपी ने खिड़की से पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था।
इसका नतीजा यह हुआ एक हिन्दू युवती जिहादियों की भेंट चढ़ गई। इन बातों को लेकर रांची के एक हिंदू कार्यकर्ता भैरव सिंह से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि झारखंड में लव जिहाद तो चल ही रहा था।
लेकिन अब कत्ल जिहाद भी शुरू हो गया है। जो लड़कियां इन जिहादियों से दोस्ती से मना कर देती हैं उन्हें जान से मार देने की कोशिश की जा रही है। ठीक इसी तरह का एक मामला हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत देखने को मिला था।
झारखंड में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा यह है कि अपराधी मुसलमान हो और पीड़ित हिन्दू हो तो आप न्याय की उम्मीद बिकुल नहीं कर सकते। जो हिन्दू न्याय की बात करता है उस पर दो चार मुक़दमे कर दिए जाते हैं।
जब राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके विधायक खूंटी के पास पिकनिक मना रहे थे, ठीक उसी समय रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में एक हिन्दू युवती जीवन की भीख मांग रही थी।लेकिन उसे वह भीख नहीं मिली और आज सोमवार 29 अगस्त सुबह दुनिया को छोड़ चली गई।
इस मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि दुमका में अंकिता को जलाये जाने के मामले में वहां के डीएसपी नूर मुस्तफा ने शुरू से ही अभियुक्त शाहरुख हुसैन को बचाने का प्रयास किया। इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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