Jammu Kashmir: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ति भी लगता है राजनीतिक अखाड़े में दो-दो हाथ करन के लिए तैयार नजर आ रही है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रही थी तब ही मौहतरमा की जुबान फिसल गई और कुछ ऐसा बोल गई कि हंगामा ही मच गया है। पत्रकार के गुपकार एलायंस के वेंटिलेटर पर होने के सवाल पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा की “एक बार जम्मू कश्मीर से 10 लाख सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकालो, आप देखेंगे कि वेंटिलेटर पर कौन है।”
Jammu Kashmir: वो यही तक नहीं रूकी जब उनसे कश्मीर के स्थायी समाधान पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि यकीनन भारत सरकार को पाकिस्तान और हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ बातचीत करनी चाहिए। इल्तिजा ने कश्मीर को आर्थिक केंद्र और मध्य एशिया और भारत के बीच एक प्रवेश द्वार बनाने के लिए जम्मू कश्मीर की सीमाओं को खोलने और स्व-शासन के कार्यान्वयन का भी सुझाव भी दिया।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस हुर्रियत की जगह लें उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला में बदलना चाहता है क्योंकि वे ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहते हैं।
इल्तिजा मुफ्ति: फिर से लागू करेंगे 370
इल्तिजा ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सहित मुख्यधारा के पांच राजनीतिक दलों के गठबंधन- पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लयरेशन (पीएजीडी) अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है और यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोगों ने इसके साथ अपनी उम्मीदें बांध रखी हैं और साथ ही कहा कि सेना हटाइए पता चल जाएगा कि वेंटिलेटर पर कौन है ?
मुफ्ती इससे सहमत नहीं थीं कि पीएजीडी ‘वेंटिलेटर’ पर है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर से 10 लाख सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकालो, आपको देखेंगे कि वेंटिलेटर पर कौन है।’’
इल्तिजा ने दावा किया कि उनके परिवार को झुकाने के लिए दबाव की रणनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है और साथ ही ये भी कहा कि जब पीएजीडी की बैठक होती है, मेरी मां या 75 साल की मेरी नानी को समन भेजे जाते हैं। मेरी नानी को पिछले दो सालों से उनका पासपोर्ट नहीं दिया गया है।
Jammu Kashmir: क्या विकास में बाधक है आर्टिकल 370?
इस सवाल के जबाव में इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी आर्टिकल 370 को विकास में बाधक बता कर देश भर में प्रचार कर रही है जबकि ऐसा सही नहीं है। महबूबा की बेटी ने कहा कि 2017 में जम्मू कश्मीर का मानव सूचकांक 0.68 था, जो गुजरात से अधिक था और हम जीवन प्रत्याशा, महिला साक्षरता और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में नंबर एक थे। आज हमारी बेरोजगारी दर 56 प्रतिशत है, भर्ती प्रक्रिया में घोटाला हुआ है और राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
‘कश्मीर को कमजोर करने की कोशिश कर रही है भारत सरकार’ इस सवाल के जबाव में इल्तिजा ने कहा कि लोगों की भलाई के लिए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने का दावा निराधार है।
मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका कोई अच्छा इरादा नहीं है, क्योंकि वे कश्मीर को एक सैन्य, एक कानून व्यवस्था और एक धार्मिक समस्या के रूप में देखते हैं। चूंकि वे इस मुद्दे को धार्मिक चश्मे से देखते हैं, इसलिए वे जिस समाधान को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, वह है जनसांख्यिकी आधार को बदलना और लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर करना।
इल्तिजा ने दावा किया कि बीजेपी सरकार वास्तविकता को नजरअंदाज करते हुए लोगों को दबाने की कोशिश कर रही है और कश्मीर एक मानवीय और राजनीतिक मुद्दा है और इसके समाधान की जरूरत है।
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