RSS: गत बृहस्पतिवार 22 सितंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कस्तूरबा गांधी मार्ग वाली मस्जिद पहुंचकर चीफ़ इमाम डा इमाम उमेर अहमद इलियासी सहित कई मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी।
RSS:इस मुलाकात के बाद मुस्लिम धर्मगुरु डा. उमेर अहमद इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि बताया है और साथ ही उन्होंने कहा कि भागवत इमाम हाउस आए थे, उनका स्वागत किया गया। देश में सौहार्द बढा़ने के साथ तरक्की के रास्ते पर ले जाने को लेकर करीब एक घंटे बातचीत हुई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकातें और संवाद एक सोची समझी रणनीति के तहत की जा रही है। आप को बता दें कि संघ ने कुछ दिनों से अपनी रणनीति में प्रभावशाली परिवर्तन करते हुए हिंदू धर्म गुरूओं के साथ ही, मुस्लिम और ईसाइयों धर्म गुरूओं के साथ संवाद बढ़ाने पर जोर दिया है, ताकि धर्म आधारित गलतफहमियों, दूरियों और संवादहीनता को दूर कर राष्ट्र निर्माण में उनकी व्यापक सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।
RSS: संघ प्रमुख चाहते है कि ऐसी मुलाकातों के जरिए संगठन की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया जा सके। संघ का यह प्रयास खुद के उस सोच के दायरे में है, जिसमें वह हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों को ‘हिंदू’ मानता है।
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, ''RSS सरसंघचालक (प्रमुख मोहन भागवत) जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से मिलते हैं। यह एक सतत सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है।'' https://t.co/KU9TMHfaL6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 22, 2022
RSS: उमर इलियासी के भाई सुहैब इलियासी ने कहा, ‘हमारे पिता का संघ से पुराना नाता था। उन्होंने बताया कि जमील इलियासी की पुण्यतिथि पर मोहन भागवत मस्जिद में आए थे। यह एक पारिवारिक कार्यक्रम था और इसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।” सुहैब इलियासी ने कहा कि भागवत ने सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा की थी।
इससे पहले संघ प्रचार प्रमुख ने इस मुलाकात को लेकर कहा कि “आरएसएस प्रमुख समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलते हैं और यह निरंतर बातचीत प्रक्रिया का एक हिस्सा है।”
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