Shiv Sena Symbol: सोमवार 10 अक्टूबर चुनाव आयोग ने आखिरकार दोनों गुटों उद्धव ठाकरे बालसाहब शिवसेना को आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जलती हुए मशाल चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट संतुष्ठ नजर आ रहा है। ठाकरे पार्टी के नेता भास्कर जाधव ने कहा कि हम इसे जीत मानते हुए हम खुश हैं। उद्धव ठाकरे गुट ने नए चुनाव चिह्न और नई पार्टी के नाम के साथ एक पोस्टर भी जारी किया है.
हाती घेऊ "मशाल" रे!
शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे)
निशाणी : मशाल pic.twitter.com/ryPOTMikxX— ShivSena – शिवसेना (@ShivSena) October 10, 2022
Shiv Sena Symbol: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि, “नया प्रतीक, नया नाम “उद्धव बालासाहेब ठाकरे शिवसेना” पर बेहद गर्व है। उन्होंने महाराष्ट्र में हजारों लोगों की जान बचाकर मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है। हम एक सच्ची ईमानदार सरकार रहे हैं, लोगों के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे ये भी कहा कि, “हर कोई जानता है कि उद्धव ठाकरे ने कितना काम किया है और नए नाम में हिंदूहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे का भी नाम है। ये सबसे महत्वपूर्ण बात है कि ‘मशाल‘ एक ऐसी चीज है जिसे हम हर घर में गर्व के साथ ले जाएंगे।”
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट की पार्टी का नाम बालासाहेबआंची शिवसेना होगा। केंद्रीय चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट द्वारा चुनाव चिह्न को लेकर भेजे गये तीनों सुझावों को नहीं माना है।
आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट को तीन-तीन वैकल्पिक चिह्न और नाम दिए थे। शिंदे गुट चाहता था कि उसको त्रिशूल और गदा में से एक चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया जाए।
लेकिन, चुनाव आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुट के लिए त्रिशूल और गदा को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने से इनकार कर दिया। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को कल 11 अक्टूबर तक 3 नए प्रतीकों की एक सूची देने के लिए कहा है जो कि आज शाम तक शिंदे गुट को तीन विकल्प चुनाव आयोग को देने ही होंगे।
दोनों गुटों के मन मुटाव के बाद आयोग ने चुनाव चिह्न को कर दिया था फ्रीज
गौरतलब है कि बीते शनिवार 8 अक्टूबर को दोनों गुटों के मन मुटाव के बाद चुनाव आयोग ने शिवसेना के आधिकारिक चुनाव चिह्न धनुष-तीर को जब्त कर लिया था। आगामी 3 नवंबर को अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में आयोग ने दोनों दलों पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ का उपयोग करने पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से अपने-अपने दल के लिए तीन-तीन नए नाम और चुनाव चिह्न के बारे में बताने को कहा था। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग को ‘त्रिशूल’, ‘मशाल’ और ‘उगता सूरज’ के सिंबल दिए गए थे। साथ ही दल के नाम के तौर पर ‘शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)’, ‘शिवसेना (प्रबोधनकर ठाकरे)’ या ‘शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)’ के विकल्प दिए गए थे।
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