अयोध्या: राम मंदिर की वेबसाइट हैक करने की हुई थी कोशिश, किसने की इतनी घिनौनी हरकत ?

अयोध्या

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को राम लला विराज गए। इसके लिए पूरे देश में जोरों-शोरों से तैयारी चलीं। इस अवसर पर आम लोग उत्साहित दिखे। इस उत्साह के रंग में भंग भरने के लिए साइबर अपराधियों ने पूरी तैयारी कर रखी थी। खबर है कि इस मौके पर कई साइबर ठग एक्टिव हो गए थे। राम मंदिर की सुरक्षा भारतीय एजेंसियों के लिए बड़ा सवाल है। अयोध्या में मंदिर की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। इन चीजों के साथ ही राम मंदिर की वेबसाइट की सुरक्षा करने की चुनौती भी है।

राम मंदिर की वेबसाइट पर हैकर्स की नजर

जनवरी में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान राम मंदिर की वेबसाइट को हैक करने की कोशिश भी की गई थी, जिसे सरकार के साइबर सेल ने असफल कर दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें, ताे जनवरी महीने में कई बार पाकिस्तान और चीन के हैकरों ने राम मंदिर की साइट को हैक कर लेने या फिर ठप करा देने की कोशिश की थी। यह अलग बात है कि साइबर सेल की सतर्कता के चलते ऐसा नहीं हो सका।

सुरक्षा एजेंसियां रहीं मुस्तैद

राम मंदिर की वेबसाइट ही नहीं, प्रसार भारती की साइट भी हैकरों के निशाने पर रही। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा यूपी सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी जरूरी साइट्स को भी हैकर्स ने टारगेट करने के मंसूबे पाल रखे थे।सरकार ने पहले ही यह अनुमान लगा लिया था कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हैकर्स की ओर से साइबर अटैक की कोशिश हो सकती है। इस बात को लेकर टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर अलग लेवल पर मुस्तैद रहा।

140 संदिग्ध आईपी एड्रेस से किया गया टारगेट

सरकार के टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर की ओर से कुल 264 साइट्स की निगरानी बढ़ा दी गई थी, ताकि हैकर्स उनमें कोई गड़बड़ी न कर सकें। जिन वेबसाइट्स की सुरक्षा बढ़ाई गई, उनमें राम मंदिर, प्रसार भारती, यूपी पुलिस, यूपी टूरिज्म और पावर ग्रिड आदि के नाम शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर और प्रसार भारती की वेबसाइट्स को चीन और पाकिस्तान के कुल 140 संदिग्ध आईपी एड्रेस से टारगेट किया गया।

देसी सॉल्यूशन आया काम

एक अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि “हमें इस बात पर गर्व है कि साइबर हमलों से निपटने के सभी उपाय स्वदेशी रूप से विकसित किए गए थे। उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर के उद्घाटन से पहले, G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी डिजिटल बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए इसी तरह की रणनीति बनाई गई थी।”

Written By- Swati Singh.

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।