Defence Ministry: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 84 हजार करोड़ रुपये के 24 पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों की आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में कल हुई डीएसी की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इस पहल से सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण होगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।
Defence Ministry: भारतीय सेना को फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, लाइट टैंक और माउंटेड गन सिस्टम से लैस करेगी, जो भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों को एक क्वांटम जंप प्रदान करेगा।
आपको बता दें कि 24 प्रस्तावों में से 84 हजार करोड़ रुपये से अधिक के 21 प्रस्तावों को स्वदेशी स्रोतों से खरीद के लिए मंजूरी दे दी गई है।इनमें भारतीय सेना के लिए 6, भारतीय वायु सेना के लिए 6, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 2 शामिल हैं। स्वीकृत प्रस्तावों में सैनिकों के लिए बेहतर सुरक्षा स्तर वाले बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है।
Defence Ministry clears Rs 85,000 cr for Zorawar light tanks, mounted howitzers, guided bombs for forces
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— ANI Digital (@ani_digital) December 22, 2022
इस पहल के साथ, मिसाइल सिस्टम की नई रेंज, लॉन्ग रेंज गाइडेड बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज ऑग्मेंटेशन किट और उन्नत निगरानी प्रणाली को शामिल करके भारतीय वायु सेना को और अधिक घातक क्षमताओं के साथ मजबूत किया जाएगा।
Indian Air Force will be further strengthened with enhanced lethal capabilities by induction of new range of missile system, Long Range Guided Bombs, Range Augmentation Kit for conventional bombs and advanced surveillance systems: Defence Ministry
— ANI (@ANI) December 22, 2022
Defence Ministry: रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मंत्रालय के अनुसार, भारतीय तट रक्षक के लिए अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद तटीय क्षेत्रों में निगरानी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक बढ़ाएगी।
रक्षा मंत्रालय बयान में कहा कि “नियंत्रण रेखा पर तैनात हमारे सैनिकों के लिए दुश्मन के स्निपर्स के खतरे के खिलाफ बढ़ी हुई सुरक्षा की मांग को ध्यान में रखते हुए और आतंकवाद विरोधी परिदृश्य में करीबी मुकाबला अभियानों में डीएसी ने भारतीय मानक बीआईएस VI स्तर की सुरक्षा के साथ बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए एओएन को मंजूरी दी।”
Defence Ministry: रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, मंगलवार को जिन हथियारों को खरीदने की स्वीकृति दी गई है, उसमें थलसेना के लिए 4 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कारबाइन शामिल हैं। इन कारबाइन को पारंपरिक युद्ध से लेकर हाईब्रीड वॉरफेयर और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन के लिए सैनिकों को दिया जाएगा। ये कारबाइन स्वदेशी कंपनी से खरीदी जाएंगी, जिससे स्मॉल ऑर्म्स के क्षेत्र में प्राइवेट इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जा सके।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गाइडेड एक्सटेंडेड रेंज रॉकेट एम्युनेशन की रेंज 75 किलोमीटर है और एक्युरेसी 40 मीटर की है। एरिया डिनाएल एम्युनेशन (रॉकेट) टैंक, आईसीवी और दुश्मन सैनिकों की गाड़ियों पर हमले के लिए खरीदे जाना है
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में दुनियाभर में हुए युद्ध के दौरान ड्रोन टेक्नोलॉजी फोर्स–मल्टीप्लायर के तौर पर उभरकर सामने आया है। ऐसे में स्वार्म–ड्रोन को खरीदने की मंजूरी दी गई है। इनमें सर्विलांस और अटैक ड्रोन दोनों शामिल है
Defence Ministry: रक्षा विभाग के बयान में कहा कि “डीएसी ने भारतीय उद्योग के माध्यम से कोलकाता श्रेणी के जहाजों पर बिजली उत्पादन अनुप्रयोग के लिए एक उन्नत 1250 किलोवाट क्षमता वाले समुद्री गैस टरबाइन जनरेटर की खरीद के लिए नौसेना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। यह गैस टरबाइन जनरेटर के स्वदेशी निर्माण को एक बड़ा बढ़ावा देगा’। “हमारे देश के तटीय क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए डीएसी ने 60% आईसी के साथ बाय (इंडियन–आईडीडीएम) के तहत भारतीय तटरक्षक के लिए 14 तेज गश्ती जहाजों की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।”
Written By— Nitisha Agarwal
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